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केरल की स्वास्थ्य मंत्री को कुवैत जाने की अनुमति न देने पर विजयन ने मोदी को पत्र लिखा

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तिरुवनंतपुरम, 19 जून। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को खाड़ी देश में आग की घटना के बाद राहत प्रयासों का समन्वय करने के लिए कुवैत की यात्रा करने की राजनीतिक मंजूरी नहीं देने का मुद्दा उठाया है। मुख्यमंत्री ने 15 जून को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में दावा किया है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को यात्रा की मंजूरी न देना ‘सहकारी संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है’।

उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वह विदेश मंत्रालय को सलाह दें कि भविष्य में वह ऐसे अनुरोधों के प्रति ‘अधिक संवेदनशील’ रहे। बुधवार को सार्वजनिक हुए पत्र में मुख्यमंत्री विजयन ने लिखा है कि यह ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि राजनीतिक मंजूरी के अनुरोध पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज कुवैत की यात्रा नहीं कर सकीं।

उन्होंने कहा, ‘‘अग्निकांड के बाद कुवैत में उनकी उपस्थिति से केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री, अधिकारियों की टीम और दूतावास के साथ संपर्क और समन्वय बनाने में काफी मदद मिलती। इससे इस त्रासदी में प्रभावित परिवारों को मानसिक राहत और आत्मविश्वास मिल सकता था।’’ केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुश्किल की इस खड़ी में कोई विवाद खड़ा करने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन यदि राजनीतिक मंजूरी के अनुरोध पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने की बात प्रधानमंत्री के ध्यान में नहीं लाई गई, तो राज्य सरकार अपने कर्तव्य को पूरा करने में विफल रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य मंत्रिमंडल के सामूहिक निर्णय की अवहेलना की गई है। 28 फरवरी, 2023 के कैबिनेट सचिवालय के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार राजनीतिक मंजूरी का अनुरोध किया गया था।’’ विजयन ने अपने पत्र में कहा, ‘‘वर्तमान अनुरोध पूरी तरह से बाध्यकारी परिस्थितियों के दायरे में आता है और इस पर विचार न करना स्पष्ट रूप से सहकारी संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है। जब हमारे लोग आपदाओं और विपत्तियों का सामना करते हैं, तो केंद्र और राज्य विकास के प्रयासों के साथ-साथ परेशानियों को कम कदने के प्रयासों में समान रूप से भागीदार होते हैं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसी संवेदनशील परिस्थितियों में राजनीतिक मंजूरी देने में किसी भी प्रकार के राजनीतिक या अन्य विचार को आड़े नहीं आने देना चाहिए और इसके साथ ही लिए गए निर्णय से ऐसा प्रतीत भी नहीं होना चाहिए कि उसमें कोई ‘पूर्वाग्रह’ है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह विदेश मंत्रालय को भविष्य में ऐसे मामलों में अधिक संवेदनशील होने की सलाह दें क्योंकि स्वस्थ सहकारी संघवाद का माहौल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सद्भाव अत्यंत आवश्यक है।’’ दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में 12 जून को सात मंजिला इमारत के रसोईघर में भीषण आग लग गई थी। इसमें 45 भारतीय सहित 49 लोगों की मौत हो गई थी। इस इमारत में कुल 196 प्रवासी मजदूर थे।

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