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वाराणसी : उप राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने श्री काशी नट्टुकोट्टई धर्मशाला का किया उद्घाटन

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वाराणसी, 31 अक्टूबर। भारत के उप राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार की शाम धार्मिक नगरी वाराणसी के मध्य स्थित सिगरा में नवनिर्मित श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम भवन (धर्मशाला) का उद्घाटन किया।

यह पहल काशी व तमिलनाडु के बीच गहरे आध्यात्मिक सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक

उप राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने समारोह को संबोधित करते हुए काशी (वाराणसी) और तमिलनाडु के बीच समय-सम्मानित आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह पहल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना में गहरे काशी-तमिल संबंधों का प्रतीक है, जो काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है।

पीएम मोदी व सीएम योगी को काशी में उल्लेखनीय प्रगति का श्रेय दिया

राधाकृष्णन ने पवित्र शहर की अपनी पिछली यात्राओं को याद किया, पिछले 25 वर्षों में इसके उल्लेखनीय परिवर्तन को देखते हुए और इस प्रगति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया।

गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के बाद शाकाहारी बन गए

उन्होंने ढाई दशक पहले गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के बाद शाकाहारी बनने सहित व्यक्तिगत विचार भी साझा करते हुए कहा, ‘वर्ष 2000 में मैं पहली बार काशी आया था। तब परिवारजन के साथ बाबा विश्वनाथ, मां विशालाक्षी सहित कई अन्य मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। गंगास्नान भी किया। तब मैं मांसाहारी था। लेकिन यहां से जाने के बाद मेरे जीवन में इतना परिवर्तन आया कि मैंने शाकाहार अपना लिया। यह परिवर्तन स्वाभाविक नहीं, बल्कि विशेष कृपा की वजह से सम्भव था।’

तमिल-काशी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए नागरथर कम्युनिटी की तारीफ की

राधाकृष्णन ने 60 करोड़ रुपये की लागत से सतराम बनाने के लिए श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी की तारीफ की, जिसे पूरी तरह से कम्युनिटी के डोनेशन से फंड किया गया था, और नई बिल्डिंग को विश्वास, मज़बूती और इलाकों के बीच सहयोग का प्रतीक माना।

सतराम की जमीन पर कब्जा छुड़ाने को धर्म की जीत बताया

उप राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म को कुछ समय के लिए संकट हो सकता है, लेकिन वह कभी स्थायी नहीं होता। धर्म की विजय हुई है, यह इमारत उसी की साक्षी है। उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर अब सतराम बना है, उस पर कभी कब्जा किया गया था, लेकिन राज्य सरकार की कोशिशों से उसे सफलतापूर्वक वापस पा लिया गया। उन्होंने कहा कि सतराम अब भक्तों के लिए एक अच्छी जगह है।

यह सतराम भक्तों को फायदा पहुंचाने के साथ आध्यात्मिक जागरूकता भी फैलाएगा

उन्होंने कहा कि काशी को दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है और नया बना सतराम आने वाले भक्तों को बहुत फायदा पहुंचाने के साथ आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने में भी मदद करेगा। इस समारोह में काशी और दक्षिण भारत के बीच तीर्थयात्रा की पुरानी परंपरा पर भी जोर दिया गया, जो 1863 में नट्टुकोट्टई ट्रस्ट द्वारा पहले सतराम की स्थापना से शुरू हुई थी।

60 करोड़ रुपये की लागत से निर्मीत 10 मंजिले भवन में कुल 140 कमरे

नवनिर्मित सतराम 10 मंजिला भवन है, जिसमें 140 कमरे हैं और जिसे श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सतराम मैनेजिंग सोसाइटी ने 60 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया है। यह वाराणसी में सोसाइटी का दूसरा सतराम है, जो आने वाले भक्तों को रहने की जगह देने और नई पीढ़ी को पवित्र शहर से जुड़ने के लिए बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।

कनाडा से देवी अन्नपूर्णानी की मूर्ति वापस लाने की भी तारीफ की

राधाकृष्णन ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में देवी अन्नपूर्णानी अम्मन देवी की मूर्ति वापस लाने की भी तारीफ की। यह मूर्ति, जो एक सदी पहले वाराणसी के मंदिर से चुराई गई थी, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की लगातार कोशिशों की वजह से 2021 में कनाडा से भारत वापस लाई गई थी।

हमारी भाषाएं अलग हो सकती हैं, लेकिन भारत की आत्मा एक – सीएम योगी

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में भारत की पहचान बताने वाली विविधता में एकता पर जोर देते हुए कहा, ‘हमारी भाषाएं अलग हो सकती हैं, लेकिन भारत की आत्मा एक है।’ उन्होंने रामेश्वरम और काशी जैसे पवित्र ज्योतिर्लिंगों का भी जिक्र करते हुए उनके ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंधों पर जोर दिया।

उप राष्ट्रपति ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मत्था टेका

नट्टुकोट्टई धर्मशाला के उद्घाटन के बाद उप-राष्ट्रपति श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गए और शांति, खुशहाली और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मंदिर परिसर में मौजूद अन्नपूर्णानी अम्मन देवी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।

इसके पूर्व बाबतपुर स्थित श्री लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सीएम योगी ने उप राष्ट्रपति राधाकृष्णन का  स्वागत किया। वाराणसी में लगभग तीन घंटे रुकने के बाद राधाकृष्णन रात को ही दिल्ली लौट गए।

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