नागपुर, 15 अप्रैल। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि सत्ता के गलियारों से भ्रष्ट तत्वों का पूरी तरह से सफाया कर दिया गया है और भ्रष्टाचार अब अवसर, नौकरी या अनुबंध मिलने का ‘पासवर्ड’ नहीं बल्कि जेल जाने का रास्ता है।
भारत अब वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा
नागपुर शहर स्थित राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 76वें बैच के विदाई समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि भ्रष्टाचार अब प्रशासन को निर्देशित नहीं करता। भारत अब सोया हुआ नहीं है बल्कि वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, हम वैश्विक दक्षिण की आवाज बन गए। राष्ट्रों का इतना प्रभावशाली संयोजन …जीडीपी और जनसंख्या के लिहाज से देखें तो वे प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही थी। यह अब एक प्रमुख मंच पर है, भारत और हमारे दूरदर्शी नेतृत्व का धन्यवाद।’
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar delivered the valedictory address to the 76th Batch of the Indian Revenue Service at the National Academy of Direct Taxes (NADT) in Nagpur today.@NADT_Official @IRSAssociation #IRS pic.twitter.com/qMcuULu1zl
— Vice President of India (@VPIndia) April 15, 2024
आईआरएस अधिकारियों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर देते हुए धनखड़ ने कहा कि यह समाज के लिए बेहद हानिकारक अनौपचारिक नकदी प्रबंधन को हतोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदमों से प्रणाली में अभूतपूर्व पारदर्शिता और जवाबदेही आई है, जो आज भारत में भ्रष्टाचार के मामले में ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ के मानक के अनुरूप है।
धनखड़ ने कहा, ‘मैं आज भ्रष्टाचार पर ज्यादा विचार व्यक्त नहीं करूंगा। लेकिन एक बात निश्चित है कि अब सत्ता के गलियारों में भ्रष्ट तत्वों को विधिवत निष्प्रभावी कर दिया गया है। भ्रष्टाचार अब अवसर या नौकरी या अनुबंध पाने का पासवर्ड नहीं है, बल्कि जेल जाने का रास्ता है। एक आदर्श बदलाव आया है और भ्रष्टाचार अब हमारे प्रशासन को निर्देशित नहीं करता।’
उप राष्ट्रपति ने कहा, “आजादी के बाद एक समय भारत दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक था। 1991 में भी भारत की अर्थव्यवस्था पेरिस और लंदन जैसे शहरों से छोटी थी। भारत की यह स्थिति थी, जिसे कभी ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था से काफी आगे है। दो वर्ष में देश जापान और जर्मनी से आगे निकल जाएगा।”
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसकी औसत जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत है। भारत अब आशा और संभावनाओं की भूमि है, निवेश और अवसर का एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य है तथा यह खुद को भविष्य की वैश्विक महाशक्ति के रूप में तैयार कर रहा है।
कर प्रणाली अब आश्चर्यजनक रूप से बेहतर है
उप राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कर प्रणाली अब आश्चर्यजनक रूप से बेहतर है, जिसे कर संग्राहकों से कर सुविधा प्रदाताओं में बदल दिया गया है। त्वरित ‘रिफंड’ और चिंताओं के समय पर समाधान से करदाता अत्यधिक एवं आश्चर्यजनक रूप से संतुष्ट हैं।
उप राष्ट्रपति ने अधिकारियों से सभी की सामूहिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में अथक प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘करदाताओं को जानकारी के साथ सशक्त बनाएं, पारदर्शिता के माध्यम से अधिक विश्वास अर्जित करें और अपने पेशेवर आचरण में ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।’