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उत्तरकाशी सुरंग हादसा : लगभग 30 मीटर तक पूरा हुआ वर्टिकल ड्रिलिंग का काम, बैकअप संचार भी स्थापित

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उत्तरकाशी, 27 नवम्बर। उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद पिछले दो सप्ताह से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम अब लगभग 30 मीटर तक पूरा कर लिया गया है। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सैयद अता हसनैन ने कहा, ‘हालात नियंत्रण में हैं। आवश्यकता के अनुसार भोजन और दवाएं अंदर जा रही हैं। मनोवैज्ञानिक पहलुओं को भी महत्व दिया गया है। बैकअप संचार स्थापित किया गया है और लगातार परिवार के सदस्य उनसे बातचीत कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री वहां पर गए थे। चिंता की कोई बात नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक येलो अलर्ट है। यानी हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन इसकी वजह से काम में बाधा आने की आशंका नहीं है। मैं फिर से आश्वासन देना चाहता हूं कि सभी फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जाएगा।’

मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से निकाले गए

उल्लेखनीय है कि इससे पहले ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से सोमवार तड़के बाहर निकाल लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस सन्धु घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सिलक्यारा भी पहुंचे थे। आज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी सिल्कयारा टनल बचाव स्थल पर पहुंचे। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए विदेशी विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर मौके पर मौजूद हैं।

गौरतलब है कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा गत 12 नवम्बर को ढह गया था, जिसके कारण उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

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