Site icon hindi.revoi.in

वरुण गांधी ने लिखा भावुक पत्र : ‘मेरा पीलीभीत से रिश्ता प्रेम और विश्वास का, जो राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर’

Social Share

नई दिल्ली, 28 मार्च। पीलीभीत से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का पिछले 35 साल से चला आ रहा सियासी रिश्ता बुधवार को खत्म हो गया। 1989 के बाद यह पहली बार हुआ कि जब दोनों में से किसी ने भी पीलीभीत सीट से पर्चा नहीं भरा। भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काटकर यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है।

पीलीभीत से सियासी रिश्ता टूटने पर वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के नाम भावुक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा, ‘मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर है।’

वरुण गांधी ने पीलीभीत के लोगों को प्रणाम करते हुए लिखा, ‘मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत में मिले आदर्श, सरलता, और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है। आपको प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है।’

बचपन की याद को किया साझा

उन्होंने लिखा, ‘आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है।’ उन्होंने अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए लिखा, ‘मुझे वो तीन साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है, जो अपनी मां की अंगुली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।’

पीलीभीत से वरुण गांधी का सियासी रिश्ता टूटने पर कई सवाल भी छूट गए हैं। चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी वरुण को संगठन में कोई बड़ा पद दे सकती है। चर्चा यह भी है कि वरुण को अवध क्षेत्र की किसी वीआईपी सीट से उतारा जा सकता है। ये सब कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं कि वरुण ने टिकट कटने के बाद भी न तो भाजपा छोड़ी है और न ही ऐसा कोई संकेत दिया है।

Exit mobile version