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वाराणसी को एससीओ की पहली सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित किया गया, पीएम मोदी ने सदस्य देशों का जताया आभार

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नई दिल्ली, 17 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया है। एससीओ के नेताओं ने शुक्रवार को संपन्न दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में वाराणसी को वर्ष 2022-23 के लिए समूह की पहली ‘पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में समर्थन दिया। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में यह जानकारी दी।

उज्बेकिस्तानी समरकंद शहर में एससीओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। क्वात्रा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 2022-23 के दौरान वाराणसी को एससीओ पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए सभी सदस्य देशों को धन्यवाद दिया।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारत और क्षेत्र के बीच अधिक सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों के द्वार खोलता है।’

विदेश सचिव क्वात्रा  ने कहा कि वाराणसी को मिली इस पहचान का जश्न मनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। क्वात्रा ने कहा कि एससीओ ने भारत की पहल पर ‘स्टार्टअप’ और नवोन्मेष पर एक विशेष कार्य समूह स्थापित करने का भी फैसला किया है।

बेलारूस और ईरान को एससीओ की स्थायी सदस्यता

शिखर सम्मेलन में बेलारूस और ईरान को एससीओ की स्थायी सदस्यता देने का भी फैसला किया गया। उल्लेखनीय है कि शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन चीन, भारत, पाकिस्तान, रूस और पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देशों – कजाखकिस्तान,  किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान से बना है। इसे वर्ष 2001 में पश्चिमी देशों के संगठनों के प्रतिद्वंद्वी के रूप में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।

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