वाराणसी, 14 सितम्बर। वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने गुरुवार को अपने एक आदेश में कहा कि ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से जारी सर्वे में मिले साक्ष्यों को सुरक्षित रखा जाएगा। अदालत ने यह आदेश श्रृंगार गौरी प्रकरण की मुख्य वादिनी राखी सिंह की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद दिया। कोर्ट ने एएसआई से यह भी कहा है कि सर्वे में मिले अब तक साक्ष्यों की एक सूची बनाकर जिला मजिस्ट्रेट और अदालत को सौंपे।
श्रृंगार गौरी प्रकरण की मुख्य वादिनी राखी सिंह की अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादिनी संख्या एक राखी सिंह ने ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश रोकने, एएसआई सर्वे में मिले साक्ष्यों, और पूरे ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी को आदेशित करने की मांग वाली अर्जी अदालत में दी थी। गत आठ सितम्बर को वादी अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी व अनुपम द्विवेदी ने मांग के समर्थन में पुरजोर वकालत की।
अधिवक्ताओं ने अपनी बहस में बताया कि कोर्ट कमीशन कार्यवाही के दौरान जो भी साक्ष्य मिले थे, एएसआई उनको भी गंभीरता से लेते हुए अध्ययन कर रही है क्योंकि पूर्व में सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे और साक्ष्य को लेकर विरोध व आपत्ति दर्ज कराई गई है। इसलिए आशंका है कि परिसर में रहने वाले प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के लोग उसको नुकसान पहुंचा सकते हैं। अंजुमन की ओर से इस संबंध में आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी।
अदालत ने सुनवाई पूरी कर पत्रावली सुरक्षित रखते हुए आदेश के लिए 13 सितम्बर की तिथि नियत कर दी थी। वकीलों की हड़ताल की वजह से निर्धारित तिथि पर आदेश नहीं आ सका। अदालत ने गुरुवार को अपने आदेश में यह भी कहा है कि अदालत जब-जब साक्ष्यों को लेकर तलब करेगी, एएसआई को लेकर आना होगा।