Site icon hindi.revoi.in

भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर आज शपथ लेंगे यूयू ललित, जानें कितने महीने का होगा कार्यकाल

Social Share

नई दिल्ली, 27 अगस्त। न्यायाधीश उदय उमेश ललित (यूयू ललित) आज भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति भवन में यूयू ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश की शपथ दिलाएंगी। सीजेआई एनवी रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए थे जिसके बाद जस्टिस उदय रमेश ललित को भारत का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। नए चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित का कार्यकाल तीन महीने से भी कम का होगा और वह आठ नवंबर को अपने पद से रिटायर होंगे।

भारत के नए प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। वह जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए थे। इसके बाद जनवरी 1986 में उन्होंने दिल्ली आने से पहले दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में प्रैक्टिस की थी।

भारत के नए चीफ जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं। वह 2जी मामलों में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में काम कर चुक हैं। लगातार दो कार्यकाल तक वह सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। बेहद सौम्य स्वभाव वाले उदय उमेश ललित भारत के इतिहास में ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस हैं जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट में जज नहीं रहे। वह सीधे वकील से इस पद पर पहुंचे हैं। उनसे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एस एम सीकरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

10 जनवरी 2019 को न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने खुद को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की बेंच से अलग कर सुर्खी बटोरी थी। ऐसा करने के पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि करीब 20 साल पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके थे।

भारत के नए चीफ जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। इनमें सबसे ज्यादा अहम तीन तलाक, केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर पर त्रावणकोर शाही परिवार का दावा और पॉक्सो से जुड़े कानून पर उन्होंने फैसले लिए।

Exit mobile version