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समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड, विशेषज्ञ समिति जल्द सौंपेगी रिपोर्ट

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देहरादून, 11 नवम्बर। यदि सब कुछ अनुकूल रहा तो उत्तराखंड जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रंजना देसाई के नेतृत्व वाली विशेषज्ञ समिति एक-दो दिनों के भीतर अपनी व्यापक रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपेगी।

विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था

यूसीसी एक लंबे समय से बहस वाला कानूनी सुधार है, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों का एक एकीकृत सेट प्रदान करना है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए लगातार फोकस रहा है। पिछले वर्ष राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा की जीत पर यूसीसी लागू करने का वादा किया था। चुनावी सफलता के बाद धामी सरकार ने 27 मई, 2022 को न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी, जिसका कार्यकाल तीन बार बढ़ाया जा चुका है।

धामी सरकार त्योहारी सीजन के बाद राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। यह रणनीतिक कदम उत्तराखंड को यूसीसी अपनाने में अग्रणी बना सकता है। इस कानून का उद्देश्य पारिवारिक और संपत्ति संबंधी चिंताओं को दूर करते हुए सभी धर्मों में महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करना है।

राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि उत्तराखंड में यूसीसी के लिए भाजपा का प्रयास लोकसभा चुनाव से पहले एक व्यापक रणनीति के अनुरूप है। राज्य में यूसीसी का संभावित कार्यान्वयन भाजपा के लिए एक राजनीतिक मील का पत्थर साबित हो सकता है, जो एकरूपता और कानूनी सुधार की कहानी को बढ़ावा देगा।

समिति की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद विधायी प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। यूसीसी की ओर उत्तराखंड का कदम न केवल अन्य भाजपा शासित राज्यों के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है, बल्कि कानूनी सुधार पर राष्ट्रीय चर्चा को भी प्रभावित कर सकता है। संभावित चुनौतियों से बचते हुए, सुचारु और कानूनी रूप से सुदृढ़ कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सरकार कानूनी राय ले सकती है।

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