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उत्तराखंड: हल्द्वानी हिंसा में दो लोगों की मौत, तीन लोग गंभीर रूप से घायल

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हल्द्वानी, 9 फरवरी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में बृहस्पतिवार को अवैध मदरसा और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गयी और तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, बनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा के बाद तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते हुए गोली मारने के आदेश दिए गए।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद मीणा ने शुक्रवार को यहां संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए घायल लोगों में से दो लोगों की मृत्यु होने की पुष्टि की।

मीणा ने बताया कि घटना में दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी है और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। उन्होंने बताया कि ये लोग पुलिस द्वारा आत्मरक्षा के लिए किये गये बल प्रयोग के दौरान घायल हुए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर में हालात काबू में हैं। उन्होंने बताया कि शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में करीब 1100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि ‘मलिक का बगीचा’ पर कथित रूप से खड़े ये दो ढ़ांचे (अवैध मदरसा और मस्जिद) सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं और अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए उनके ध्वस्तीकरण के लिए पूर्व में ही नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने से पहले नगर निगम प्रशासन उसका विधिक रूप से कब्जा ले चुका था।

सिंह ने बताया कि उपद्रवियों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों और नगर निगम के कर्मचारियों पर पथराव किया, जिन्हें पहले बिना बल प्रयोग के वहां से हटाने का पूरा प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने पेट्रोल बम फेंक कर बनभूलपुरा पुलिस थाने को जलाने का प्रयास किया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पहले उपद्रवियों को बिना ज्यादा बल प्रयोग के हटाने का प्रयास किया लेकिन बाद में जब भीड़ ने थाने में आग लगा दी तो आत्मरक्षा में पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा।

जिलाधिकारी ने बताया कि इस मौके पर बड़ी संख्या में वाहन भी जलाए गए और पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया, जिसके कारण उन्हें बचने के लिए पुलिस थाने में घुसना पड़ा।