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उत्तराखंड : जोशीमठ की खिसकती जमीन, खतरे में सैकड़ों लोगों की जान; 550 से ज्यादा घरों में आई दरारें

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चमोली, 6 जनवरी। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में पिछले कई दिनों से जमीन धंसने की समस्या आ रही है। जोशीमठ में लोगों की जान संकट में है। घरों में दरारें आने के बाद हड़कंप मच गया । करीब 550 से ज्यादा घरों में दरारें आने के बाद पानी रिस रहा है। जोशीमठ में भूस्खलन के बाद जमीन धंसना, घरों, दुकानों और होटल में दरारें आना जारी है। जिसके बाद हालात गंभीर बने हुए हैं। हजारों लोग घर से बाहर हैं । लोग अपना-अपना सामान लेकर कहीं और जाने की तलाश कर रहे हैं। लोग डरे सहमे हुए हैं।

जोशीमठ में लोग दिनरात में खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं।लोगों को किसी भी समय अनहोनी का डर सता रहा है।दरारों और धंसती सड़कों की ये तस्वीरें किसी बड़े खतरे का संकेत देती हुई नजर आ रही है। जोशीमठ मुद्दे पर आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र मित्तल ने कहा कि “जोशीमठ रिसाव मानव जनित और प्राकृतिक कारणों की वजह से हो रहा है। इसे रोकने के लिए ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाना चाहिए जहां से रिसाव हो रहा है और वहां केमिकल ग्राउटिंग का छिड़काव किया जाना चाहिए।”

सड़कों पर बहता पानी और हर तरफ दरारें कब बड़ा हादसे में तब्दील हो जाए किसी को नहीं पता । क्योंकि लगातार कई जगह पर वो दरारें बढ़ रह हैं। खेतों में भी बड़ी-बड़ी दरारें आने लगी है। घरों में बढ़ती दरारें कभी भी ढह सकते हैं। जिसकी वजह से लोग अब सुरक्षित जगह की तलाश कर रहे हैं । स्थिति ये है कि लोगों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है । धीरे-धीरे कुछ परिवारों को दूसरे इलाकों में शिफ्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में जमीन डूबने और शहर के कई घरों में दरारें आने की खबरों के जवाब में लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया। धामी ने कहा कि स्थिति का आकलन करने और उचित कदम उठाने के लिए वह जल्द ही जोशीमठ जाएंगे।

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