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उत्तराखंड : राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का इस्तीफा, सक्रिय राजनीति में लौटने की उम्मीद

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देहरादून, 8 सितम्बर। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में उड़ रहीं चर्चाओं पर विराम लगाते हुए बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इस आशय की पुष्टि की।

दो दिन पूर्व दिल्ली में गृह मंत्री शाह से हुई थी मुलाकात

बेबी रानी मौर्य ने तीन वर्षों तक राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालने के बाद अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रेषित भी कर दिया। दरअसल, दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं।

आगरा की मेयर रह चुकी हैं बेबी रानी

आगरा निवासी बेबी रानी मौर्य प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल रहीं। उनसे पहले मार्गरेट अल्वा यहां अगस्त, 2009 से मई, 2012 तक राज्पपाल की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। समझा जाता है कि वह उत्तर प्रदेश में सक्रिय राजनीति करना चाहती हैं। इसीलिए विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने इस्तीफा दिया। पूर्व में वह आगरा शहर की मेयर भी रही हैं।

राज्य सरकार व राजभवन के बीच खिंचाव अहम वजह

हालांकि राज्यपाल के पद से उनकी विदाई के पीछे राज्य की भाजपा सरकार और राजभवन के बीच खिंचाव को अहम वजह माना जा रहा है। दोनों के बीच समन्वय की कमी की शिकायतें केंद्र सरकार और पार्टी हाईकमान तक भी पहुंचीं थीं। विधानसभा से पारित विधेयकों के राजभवन में लंबे समय तक रुके रहने से भाजपा सरकार को कई मौकों पर असहज होना पड़ा। पारित कुछ विधेयकों को लंबे समय बाद भी राजभवन की मंजूरी नहीं मिल पाई है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रयासों को कामयाबी नहीं मिल पाई।

मीडिया से साझा की थीं अपने कार्यकाल की उपलब्धियां

राज्यपाल के तौर पर गत 26 अगस्त को ही अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरा करने वालीं बेबी रानी मौर्य ने बीते दनों मीडिया से अपनी उपलब्धियां साझा करते हुए कहा था कि उन्होंने राज्य को उन्नति की ओर अग्रसर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए। इनमें महिलाओं का उत्थान, शिक्षा और कोविड प्रबंधन सहित कई क्षेत्र शामिल रहे।

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