संभल (उत्तर प्रदेश), 18 अगस्त। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अफगानिस्तान की सत्ता हथिया चुके इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान के पक्ष में बोलकर मुश्किलों में घिर गए हैं। इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सपा सांसद सहित तीन नेताओं पर राजद्रोह का केस दर्ज कर दिया है। हालांकि केस दर्ज होते ही शफीकुर्रहमान अपने बयान से यह कहते हुए पलट गए कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर किया गया।
‘मुझ पर गलत इल्जाम, मैं हिन्दुस्तान की नीतियों के साथ’
अपने संसदीय क्षेत्र संभल में खुद के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद बर्क बयान से पलट गए। उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है, यह मुझ पर गलत इल्जाम है और मैं इस मामले में हिन्दुस्तान की नीतियों के साथ हूं। मुझसे सवाल किया गया तो मैंने कहा तालिबान से मेरा क्या ताल्लुक? मैं इस सिलसिले में कुछ नहीं कह सकता बल्कि जो मेरे मुल्क की नीतियां होंगी, मैं उसके साथ रहूंगा, तालिबान से मेरा कोई वास्ता नहीं। मैं वहां का रहने वाला भी नहीं तो मैं तालिबान के सिलसिले में राय देने वाला कौन होता हूं? मैं क्यों दूं अपनी राय? मेरा यह बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।’
‘न तालिबान के साथ हूं और न ही उनकी तारीफ करता हूं’
मुकदमे के सवाल पर सांसद बर्क ने कहा, ‘मुकदमा दर्ज हो तो हो, लेकिन मुकदमा तो सच्चाई पर चलेगा। मेरे खिलाफ इल्जाम लगाया जा रहा है। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, मैं न तो तालिबान के साथ हूं और न ही उनकी तारीफ करता हूं, ना उनसे मुझे कोई मतलब है। हिन्दुस्तान की नीतियों से मुझे मतलब है, मैं हिन्दुस्तान के साथ हूं।’
उन्होंने कहा, ‘तालिबान अफगानिस्तान के हैं और यह उनके घर का मामला है। जैसे हर मुल्क में चुनाव होते हैं, पार्टियों में तब्दीली होती रहती है। मुझे उनसे कोई मतलब नहीं। मैं हिन्दुस्तान का वोटर हूं। मुझे हिन्दुस्तान से और उसकी नीतियों से मतलब है।’
दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने सपा सांसद बर्क के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि मामले में सपा सांसद के साथ मुकीम और फैजान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देना जिससे सांप्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है), 124ए (राजद्रोह), 295ए (उपासना के स्थान या व्यक्तियों के किसी वर्ग द्वारा पवित्र मानी गई किसी वस्तु को नष्ट करना या उसका अपमान करना) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
तालिबानों को स्वतंत्रता सेनानी की संज्ञा दी थी
वस्तुतः बर्क ने पहले कहा था कि तालिबान एक ताकत है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिका के पांव जमने नहीं दिए। तालिबान अब अपने देश को खुद चलाना चाहता है। उन्होंने कहा था, ‘हमारा देश जब अंग्रेजों के कब्जे में था, तब सभी हिन्दुस्तानियों ने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी। अफगानिस्तान पर अमेरिका ने कब्जा कर रखा था। उससे पहले इस मुल्क पर रूस का कब्जा था। मगर अफगान आजाद रहना चाहते हैं। वे अपने देश को आजाद कराना चाहते हैं। यह उनका व्यक्तिगत मामला है, इसमें हम क्या दखल देंगे?’