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उत्तर प्रदेश : धर्मांतरण में शामिल रैकेट कर रहा था 7 कोड वर्ड का प्रयोग, एक कोड अब भी अबूझ पहेली

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लखनऊ, 29 जून। उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद सहित कुछ अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर संचालित धर्मांतरण रैकेट के भंडाफोड़ के बाद नित नए खुलासे हो रहे हैं। नई जानकारी यह मिली है कि रैकेट के सदस्य सात प्रकार के कोड वर्ड का प्रयोग कर रहे थे। इन सभी को डिकोड कर इनके मतलब निकाले गए हैं। हालांकि एक कोड ‘कौम का कलंक’ अब भी अबूझ पहेली बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कोड वर्ड और इनके मतलब बताए। उन्होंने बताया कि एक कोड वर्ड ‘रिवर्ट बैक टु इस्लाम प्रोग्राम’ का मतलब निकाला गया धर्म परिवर्तन करना। इसी प्रकार ‘मुतक्की’ का अर्थ हक और सच की तलाश।

अवस्थी ने अन्य कोड वर्ड के बारे में बताया कि  ‘रहमत’ का अर्थ विदेश से आना वाला फंड, ‘सलात’ का मतलब नमाज, ‘अल्लाह के बंदे’ का तात्पर्य सोशल पर विडियो लाइव कराने वाले शख्स और ‘मोबाइल नंबर, जन्मतिथि’ का मायने धर्म परिवर्तन का नाम। हालांकि ‘कोड कौम का कलंक’ को अभी तक डिकोड नहीं किया सका है।

इस बीच धर्मांतरण रैकेट के गिरफ्तार दो सदस्यों – मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी से पूछताछ में पता चला है कि इस्लामिक दावाह सेंटर में देश और विदेश से अब तक एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हवाला के जरिए आई है। उमर ने अपने निजी, परिवारीजनों और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में विदेश से आई रकम स्थानांतरित करवाई थी। वर्तमान में इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते से 50 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से भी उमर को बड़ी रकम मिली है। उन्होंने बताया कि इस्लामिक दावा सेंटर के खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांजेक्शन किया गया है। ज्यादातर रकम कतर, दुबई, अबुधाबी से आई है।

प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मांतरण से जुड़े जो भी दस्तावेज गिरफ्तार लोगों के पास से मिले हैं, उनका सत्यापन कराया जा रहा है। अलीगढ़, नोएडा, गाज़ियाबाद, वाराणसी, सहारनपुर समेत प्रदेश के 27 जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखा गया है। इन शहरों में धर्म परिवर्तन करवा चुके लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है।

गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने पिछले दिनों अवैध धर्मांतरण गैंग का पर्दाफाश किया था। इस गैंग पर करीब एक हजार लोगों के जबरन धर्मांतरण का आरोप है। गैंग के दो मुख्य आरोपित उमर और जहांगीर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ये इस्लामिक दावाह सेंटर नाम की संस्था का संचालन करते थे, जो महिलाओं और मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण कराती थी।