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उत्तर प्रदेश : स्कूलों में इस बार नहीं होगी गर्मी की छुट्टी, पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए जारी रहेगी ऑनलाइन पढ़ाई

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लखनऊ, 17 मई। कोरोना महामारी में अस्त व्यस्त हो चुके जनजीवन के बीच एक तरफ जहां उद्योग धंधों पर गहरा असर पड़ा है वहीं स्कूलों बच्चों की पढ़ाई लगातार दूसरे वर्ष चौपट हो रही है। परीक्षा तो दूर, ज्यादातर बच्चों के पाठ्यक्रम ही अधूरे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षण संस्थानों में ग्रीष्मकालीन अवकाश रद कर उस दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन का फैसला किया है।

राज्य के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में ग्रीष्मावकाश नहीं होगा। इस दौरान बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा करने के उद्देश्य से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी।

डॉ. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में भी 20 मई से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएगी। कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति के मद्देनजर कुलपति इस संबंध में अवकाश बढ़ाने या कक्षा स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विद्यार्थी, उनके परिवार के सदस्य या शिक्षक कोरोना संक्रमित होते हैं तो उन पर ऑनलाइन क्लास की बाध्यता नहीं होगी। यदि कोरोना संक्रमण की स्थिति किसी जिले में नियंत्रित नहीं होती है तो वहां पर सक्षम अधिकारी ऑनलाइन क्लास स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट से लेकर विश्वविद्यालय तक की परीक्षाओं पर अंतिम फैसले के लिए छात्र-छात्राओं को अभी इंतजार करना होगा। प्रदेश सरकार की ओर से 20 मई तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया है। उसके बाद ही सरकार के स्तर पर परीक्षाओं के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

डॉ. शर्मा ने बताया कि 20 मई तक कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखा जाएगा। इसके बाद स्थिति नियंत्रण में होने पर विश्वविद्यालयों से बात की जाएगी। यदि परीक्षा कराने की स्थिति नहीं हुई तो यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने पर विचार किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि राजधानी समेत प्रदेशभर के करीब 56 लाख छात्र-छात्राओं की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं टाल दी गई हों। अब सवाल उठने लगा है कि सीबीएसई और आईसीएसई ने दसवीं की परीक्षा टाल दी है तो क्या यूपी बोर्ड भी इन परीक्षाओं को टालेगा या रद करेगा। कुल मिलाकर स्कूली छात्रों का भविष्य भी अधर में लटका प्रतीत हो रहा है।

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