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उत्तर प्रदेश : कल्याण सिंह के नाम से जाना जाएगा कासगंज, सरकार ले सकती है फैसला, जिला पंचायत भेजेगी प्रस्ताव

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कासगंज, 6 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर जल्द ही और बड़ा ऐलान योगी आदित्यनाथ सरकार कर सकती है। दरसअल सूबे के कासगंज जिलें में हुई जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में जनपद का नाम बदलकर पूर्व सीएम स्व. कल्याण सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया है। अब कासगंज जिला पंचायत जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को भेजेगी। हाल ही में उप्र के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन के बाद कासगंज जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में उनके नाम से जिले का नाम रखे जाने का प्रस्ताव आया।

कासगंज जिला पंचायत बोर्ड की बैठक अध्यक्ष रत्नेश कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित हुई। कासगंज जिला पंचायत वॉर्ड संख्या 4 की सदस्य सितारा कश्यप ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि जिला कासगंज का नाम बदलकर स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर रखा जाए। सदस्यों ने इस प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष रत्नेश कश्यप ने जानकारी दी कि कासगंज बोर्ड में पारित इस प्रस्ताव को अब उत्तर प्रदेश शासन को भेजा जाएगा।

वहीं कासगंज जिले के स्थानीय निवासी व अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा ने कासगंज जिले का नाम बदलकर कल्याण सिंह के नाम पर रखने को लेकर कहा कि सर्वसमाज में स्वर्गीय कल्याण सिंह एक सम्मानीय व्यक्ति के तौर पर हैं। जिला अलीगढ़ का अतरौली उनका गृह क्षेत्र है, इसलिए अतरौली क्षेत्र को एक नया जिला सृजित कर उसे कल्याण सिंह नगर का नाम दिया जाना चाहिए।

आपको बताते चलें कि मायावती सरकार में उत्तर प्रदेश के जिला कासगंज का गठन 17 अप्रैल 2008 को हुआ था। पहले यह एटा जिले का हिस्सा था। उस दौरान भी कासगंज जिले का नाम बदलकर कांशीराम नगर रखा गया था। बाद में वर्ष 2012 में सूबे की सरकार बदलने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कासगंज जिले का नाम कांशीराम नगर से बदलकर फिर से कासगंज कर दिया था।

अब एक बार फिर से कासगंज जिले का नाम बदलकर स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर रखे जाने की तैयारी हो रही है, जिसके बाद राजनैतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कासगंज जिले का एक बार फिर से नाम बदलने का प्रस्ताव ऐसे समय पर पारित हुआ है, जब स्थानीय लोग कासगंज जिले का नाम बदलकर संत तुलसीदास नगर अथवा भगवान वराह नगर रखने की मांग कर रहे हैं।

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