लखनऊ, 23 जून। उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान कार्यरत फ्रंटलाइन कर्मचारियों की मौत के बाद उनके आश्रितों को मिलने वाली 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि बराबर-बराबर बांट दी जाएगी। राजस्व विभाग की तरफ से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई है।
अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना के कारण मरने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स के सभी आश्रितों को बराबर-बराबर अनुग्रह राशि वितरित की जानी है। यह काम जिलाधिकारी के स्तर पर किया जाएगा और परिवार में संबंधित फ्रंटलाइन वर्कर्स के कौन-कौन लोग शामिल हैं, उसका आंकलन सेवा पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा।
आश्रितों के बीच विवाद के चलते किया गया फैसला
दरअसल, कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों में अनुग्रह राशि को लेकर विवाद की खबरें मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है। रेणुका कुमार ने बताया कि अगर सेवा पुस्तिका में सभी आश्रितों के नाम दर्ज नहीं है तो जिलाधिकारी मृत कर्मचारी के उत्तराधिकारियों में सहायता की धनराशि बराबर-बराबर वितरित कराएंगे।
रेणुका कुमार ने बताया कि राजस्व विभाग की तरफ से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरने वाले सरकारी कर्मचारियों का विवरण व आवश्यक दस्तावेज राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर 30 जून तक अनिवार्य रूप से फीड करने का निर्देश जारी किया गया है। सभी जिलाधिकारियों, लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर व कानपुर के पुलिस कमिश्नर और सभी पुलिस कप्तानों को दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए मृत कर्मचारियों की सूचना वेबसाइट पर फीड कराने के निर्देश दिए गए हैं।