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उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला – अब सिर्फ राज्य के निवासियों को लगेगी कोरोना वैक्सीन

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लखनऊ10 मई। कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में अब सिर्फ यूपी के निवासियों को ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। यानी यूपी में वैक्सीन लगवाने के लिए स्थानीय पते का प्रमाण होना जरूरी है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में एक मई से वैक्सीनेशन जारी है, उन्होंने राज्य सरकार को सूचित किया है कि बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके चलते यूपी के लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है।

एनएचएम निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए वैक्सीन खरीदी है, इसलिए सिर्फ राज्य के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी। किसी भी व्यक्ति को कोरोना का टीका लगाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जो व्यक्ति सरकारी कोविड वैक्सिनेशन सेंटर में टीकाकरण के लिए पहुंचा है, उसका यूपी का निवासी होना जरूरी है।

उत्तर प्रदेश की सभी सरकारी बेवसाइटों में, जिनमें कोरोना टीकाकरण के लिए बुकिंग की सुविधा दी गई है, सिर्फ यूपी के निवासियों के लिए टीके के लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा दी गई है। टीकाकरण के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और वोटर कार्ड आदि जैसे पते का प्रमाण होना जरूरी है।

हालांकि, केंद्र सरकार ने इस तरह क्षेत्र के आधार पर टीकाकरण के लिए स्लॉट बुकिंग की बाध्यता नहीं रखी है। किसी भी राज्य का कोई भी व्यक्ति को-विन एप पोर्टल पर टीकाकरण के लिए अपना पंजीकरण करा सकता है और पिन कोड के आधार पर वह टीका लगवाने के लिए स्लॉट बुक करा सकता है।

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