लखनऊ, 27 मई। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति ने आशंका जताई है कि राज्य में इस महामारी की तीसरी लहर अगस्त से अक्टूबर के बीच आ सकती है, जो बच्चों के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों की इस आशंका के मद्देनजर राज्य में तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं।
- राज्य में अब तक 80 हजार ऑक्सीजन सपोर्ट बेड तैयार
गौरतलब है कि दूसरी लहर के दौरान नए संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने से ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड का संकट उत्पन्न हो गया था, लिहाजा तीसरी लहर से पहले ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाए जा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के अनुसार मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों में वेंटिलेटर, बाई-पैप मशीन, हाईफ्लोनेजल कैनुला लगाए जा रहे हैं। अब तक 80 हजार ऑक्सीजन सपोर्ट बेड तैयार किए जा चुके हैं, जो आईसीयू-एचडीयू के बेड हैं।
- प्रत्येक जिले के 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों के इलाज की व्यवस्था
दूसरी तरफ महानिदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर डी.एस. नेगी ने बताया कि बच्चों के इलाज की व्यवस्था भी सुधारी जा रही है। हर जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर बच्चों के इलाज की व्यवस्था होगी। इन पर 10-10 बेड आरक्षित किए जाएंगे। इनमें दो बेड पर बाईपैप भी लगाई जाएंगी। वहीं सीएचसी पर उकरणों को दुरुस्त किया जा रहा है। इसके लिए नोडल ऑफिसर नामित किए गए हैं।
- मंडल व जिला अस्पतालों में भी किए जा रहे इंतजाम
नेगी ने बताया कि जिला अस्पताल में बच्चों के लिए 40 बेड सुरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें 20 बेड पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) बनेंगी वहीं 20 बेड ऑक्सीजन वाले होंगे। दूसरी तरफ मंडल चिकित्सालयों में भी 80 बेड बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे। इनमें 40 बेड का पीआईसीयू और 40 बेड के वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले होंगे। मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का पीआईसीयू होगा। पीआईसीयू में वेंटीलेटर-बाई पैप मशीन लगेगी।
- अस्पतालों में लगाए जा रहे 414 ऑक्सीजन प्लांट
इस बीच ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है। अस्पतालों में 414 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें 54 शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही 21 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (सांद्रक) मंगाए जा रहे हैं। प्रत्येक सीएचसी को 20-20 कंसंट्रेटर दिए जाएंगे।