गोरखपुर, 25 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारतीय संस्कृति का डंका दुनिया में बज रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूनेस्को ने कुम्भ को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की है। योग एवं आयुर्वेद को भी वैश्विक मान्यता प्राप्त हुई है। आज संयुक्त राज्य संघ द्वारा 21 जून को प्रतिवर्ष विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री गोरक्षनाथ मन्दिर में राष्ट्र संत ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने महन्त अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके आदर्शों, विराट व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म में यह पक्ष पितरों को समर्पित होता है। यह श्राद्ध का पक्ष भी माना जाता है। इसी पक्ष में गोरक्षपीठ के आचार्य द्वय ने अपने भौतिक शरीर को छोड़ा था। आचार्य द्वय ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से न केवल गोरक्षपीठ अथवा गोरखपुर या फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि सम्पूर्ण हिन्दू समाज और सनातन धर्म के लिए मूल्यों और आदर्शों की स्थापना की थी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ के आचार्यों के मूल्यों एवं आदर्शों को स्मरण करने के लिए प्रतिवर्ष गोरक्षपीठ के द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है। विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा पूज्य संतों के सान्निध्य में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। श्रद्धांजलि का हेतु अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के साथ-साथ उनके विराट व्यक्तित्व से प्रेरणा और प्रकाश प्राप्त करना होता है।
उन्होंने कहा कि समय के अनुसार गोरक्षपीठ ने रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य किया। ब्रह्मलीन महाराज दिग्विजयनाथ जी ने इसकी नींव रखी थी। ब्रह्मलीन महाराज अवेद्यनाथ जी ने उस नींव पर एक भव्य भवन के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया था। गोरक्षपीठ के द्वारा हर एक क्षेत्र में कार्य हुआ है। गोरक्षपीठ के अन्दर एवं नाथ सम्प्रदाय के अखिल भारतीय संगठन योगी महासभा का, षठ दर्शन सम्प्रदाय से जुड़े सनातन धर्म की उपासना विधियों से सम्बन्धित कार्य हुआ है।