लखनऊ, 22 जून। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में धर्मांतरण को लेकर हुए खुलासे के बाद सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। इस क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जांच एजेंसियां इस मामले की तह तक जाएं और जो लोग भी इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ कठोर काररवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने आदेश दिया है कि दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत काररवाई की जाए और गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिया जाए। जो लोग भी धर्मांतरण मामले में आरोपित हैं, उनकी संपत्ति भी जब्त करने का निर्देश दिया गया है।
दो वर्षों में एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण
गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने नोएडा में एक धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। नोएडा पुलिस को लंबे वक्त से इसकी शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद एटीएस की मदद से इस मामले में एक्शन लिया गया। यूपी एटीएस ने इस मामले में आरोपित मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पिछले दो वर्षों में इन लोगों ने एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है।
पुलिस सूत्रों को इस मामले में विदेशी फंडिंग और कई लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। रैकेट में शामिल लोग मूक-बाधिर बच्चों व महिलाओं को विशेष रूप से धर्मांतरण का शिकार बनाते थे।
धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह की कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में तीन जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया था। उनकी पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए एटीएस के विवेचक के प्रार्थना पत्र पर अदालत सुनवाई करेगी।