लखनऊ, 3 जून। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से लगभग सालभर पहले ही विभिन्न राजनीतिक दलों में कश्मकश तेज हो गई है। इस क्रम में प्रदेश भाजपा नेतृत्व को लेकर एक हफ्ते तक चला कयासबाजियों का दौर ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने पार्टी में बड़ी सर्जरी कर दी है।
बताया जाता है कि मायावती ने कुछ नेताओं की ओर से पालाबदल की आहटें सुनते ही सख्त कदम उठाया और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। बसपा की राज्य इकाई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों नेताओं को बीते पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण बहुजन समाज पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। इसके साथ ही लालजी वर्मा को नेता विधानमंडल दल से हटाते हुए शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को बसपा विधानमंडल दल का नया नेता बना दिया गया है। शाह आलम मुबारकपुर (आजमगढ़) सीट से लगातार दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
दोनों नेताओं के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें
इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हाथी (बसपा का चुनाव चिह्न) से उतारे गए लालजी वर्मा और राम अचल राजभर अब साइकिल (समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न) की सवारी कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि हाल के महीनों में दोनों नेता ही लगातार सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संपर्क में रहे हैं।