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उत्तर प्रदेश : बहुजन समाज पार्टी में बड़ा बदलाव, मायावती ने पहली बार नियुक्त किए 3 प्रवक्ता

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लखनऊ, 16 अगस्त। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपने कल-पुर्जे कसने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आमजन तक अपनी और पार्टी की बातें पहुंचाने के लिए पहली बार एक साथ तीन प्रवक्ताओं की नियुक्त कर दी।

सामान्यतः देश में अधिकतर राजनीतिक पार्टियों ने अपना पक्ष मीडिया और लोगों के सामने रखने के लिए न सिर्फ मीडिया सेल बना रखे हैं वरन कई-कई प्रवक्ताओं को भी नियुक्त कर रखा है। लेकिन बसपा की गिनती बिना प्रवक्ताओं वाली पार्टी के रूप में की जाती है। साथ ही यह मीडिया से दूरी बनाकर चलने वाली पार्टी भी मानी जाती है। फिलहाल राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती को भी प्रवक्ता नियुक्त करने का फैसला करना पड़ा।

धर्मवीर चौधरी, एमएच खान व फैजान खान बने बसपा प्रवक्ता

मायावती ने जिन तीन प्रवक्ताओं की नियुक्ति की है, उनमें धर्मवीर चौधरी, एमएच खान और फैजान खान के नाम शामिल हैं। ये तीनों नेता अब अधिकारिक तौर पर बसपा का पक्ष रखेंगे। इनमें धर्मवीर चौधरी और एमएच खान पहले से बसपा समर्थक के तौर पर टीवी कार्यक्रमों और चर्चाओं में हिस्सा लेते रहे हैं।

हालांकि, बसपा की ओर से अब तक जो चुनिंदा नेता टीवी पर बहस करते नजर आते थे, वे पार्टी की ओर से घोषित प्रवक्ता नहीं थे बल्कि बसपा के समर्थक और जानकार के तौर पर खुद को लिखते थे। वैसे बसपा नेता सुधींद्र भदौरिया को प्रवक्ताओं की लिस्ट में उन्हें जगह नहीं मिल सकी, जो टीवी पर पार्टी समर्थक के तौर पर चर्चा में हिस्सा लिया करते हैं।

अब तक कैडर के सहारे अपनी बात रखती रही है बसपा

मायावती ने एक बार खुद प्रेस को जारी बयान में कहा था कि बसपा को कोई भी आधिकारिक प्रवक्ता नहीं है। दरअसल, बसपा मीडिया में बात रखने के लिए प्रवक्ताओं की बजाय अपने कैडर का सहारा लेती रही है और ग्राउंड स्तर तक अपनी बात संगठन के जरिए पहुंचाती है। चुनाव के दौरान यह बूथ स्तर तक होता है, जिसे अलग-अलग क्षेत्र के कोऑर्डिनेटर देखते हैं और इन सब पर खुद मायावती नजर रखती हैं।

दिलचस्प यह है कि मायावती अक्सर खुद ही मीडिया के लोगों को बुलाकर प्रेस कॉफ्रेंस करती रही हैं। हालांकि, इस दौरान वह सिर्फ अपनी बात रखती हैं और पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं देती। फिलहाल अब उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए प्रवक्ता नियुक्त किए हैं, जो पत्रकारों से बात करने से लेकर मीडिया की चर्चाओं तक में भाग लेंगे।