Site icon hindi.revoi.in

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले – यूएस और भारत की दोस्ती दुनिया में सबसे अहम दोस्ती में एक

Social Share

नई दिल्ली, 25 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) और भारत के बीच की दोस्ती को दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण दोस्ती में से एक करार दिया है।

बाइडेन ने रविवार को एक वीडियो टैग करते हुए ट्वीट में यह बात कही। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भारत और अमेरिका की यह दोस्ती पहले से कहीं अधिक मजबूत, करीब और अधिक गतिशील है।

पीएम मोदी ने भी बाइडेन के कथन से जताई सहमति

वहीं मिस्र दौरे से वापसी के रास्ते में पीएम मोदी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के कथन से सहमति जताई है। उन्होने जो बाइडेन के ट्वीट को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं आपसे पूरी तरह से सहमत हूं। हमारे देशों के बीच मित्रता वैश्विक भलाई की ताकत है। यह धरा को बेहतर और अधिक टिकाऊ बनाएगा। मेरी हाल की यात्रा में जो बातें सामने आई हैं, उससे हमारा बंधन और भी मजबूत होगा।’

चीनी अखबार भारत को चेताया – पीठ में छुरा घोंपना अमेरिका की आदत

इस बीच चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए भारत को नसीहत दी गई है। इस आर्टिकल में साफ-साफ शब्दों में भारत को अमेरिका से दूर रहने के लिए कहा गया है।

चीन के सरकारी अखबार के लेख में दावा किया गया है कि अमेरिका लंबे समय से चीन से निबटने के लिए भारत का सहारा ले रहा है और भारत को इसे लेकर अलर्ट होने की जरूरत है। लेख में यह भी कहा गया है कि अमेरिका ऐसे देशों से गठजोड़ करता है, जिनसे उसे लाभ हो सके। उसकी पीठ में छुरा घोंपने की आदत है।

घनिष्ठ संबंधों की यह उपयोगितावादी प्रकृति अस्थायी, अस्थिर और अविश्वसनीय

चीनी मीडिया ने लेख में यह भी कहा कि तमाम ऑब्जर्वर इस बात को मानते हैं, कि चीन से निबटने के लिए अमेरिका अपनी जियो-पॉलिटिकल फायदा हासिल करने के लिए भारत के सामने इस तहर के प्रस्ताव रख रहा है। अमेरिका व भारत दोनों ही इसके बारे में मौन रूप से अवगत हैं। लेकिन ‘घनिष्ठ संबंधों’ की यह उपयोगितावादी प्रकृति अस्थायी, अस्थिर और अविश्वसनीय है।

अमेरिका सद्भावना के बल पर नहीं वरन दूसरे देशों को डराकर सुपरपावर बना है

इस लेख में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के हवाले से कहा गया कि उन्होंने एक बार कहा था कि अमेरिका का कोई स्थाई दोस्त नहीं है, उसके हित केवल स्थाई होते हैं। अखबार में कहा गया कि अमेरिका दूसरे देशों की सद्भावना के बल पर सुपरपावर नहीं बना है, बल्कि दूसरे देशों को डराकर वह इस मुकाम तक पहुंचा है। अखबार में कहा गया है कि अमेरिका अब चीन से डरा हुआ है और यही कारण है कि वह मदद के लिए दूसरे देशों की तलाश कर रहा है।

अमेरिका और भारत के बीच गहरे होते संबंध की वजह चीन है

लेख में लिखा गया है, ‘भले ही मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान चीन का कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन तमाम विश्लेषक और ऑब्जर्वर इस बात को जानते और मानते हैं कि अमेरिका और भारत के बीच गहरे होते संबंध की वजह चीन है।’

Exit mobile version