नई दिल्ली, 18 सितम्बर। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पिछले रविवार (14 सितम्बर) को आयोजित एनडीए एंड एनए (II) और सीडीएस (II) परीक्षाओं के दौरान एआई-सक्षम फेस रिकग्निशन तकनीक का सफल ट्रायल का कार्यक्रम पूरा किया। इस पहल का उद्देश्य उम्मीदवारों की तेज और सुरक्षित पहचान सुनिश्चित करना और परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाना है।
यह पायलट कार्यक्रम राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) के सहयोग से गुरुग्राम के चुनिंदा केंद्रों पर किया गया। इसमें परीक्षार्थियों के चेहरे की डिजिटल तस्वीरों को उनके पंजीकरण फॉर्म में जमा की गई तस्वीरों से मिलान किया गया। इस नई तकनीक से एक उम्मीदवार की पहचान सत्यापित करने में औसतन केवल 8-10 सेकेंड का समय लगा, जिससे प्रवेश प्रक्रिया तेज और अधिक सुरक्षित हो गई।
इस पायलट में लगभग 1,129 उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग सत्रों में कुल 2,700 से अधिक सफल स्कैन किए गए। यह सफल परीक्षण दर्शाता है कि भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया और भी स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल हो सकती है।
यूपीएससी के चेयरमैन डॉ. अजय कुमार ने कहा कि आयोग निष्पक्षता और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एआई-आधारित फेस रिकग्निशन तकनीक का यह प्रयोग परीक्षा प्रणाली को और मजबूत और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में ट्वीट कर जानकारी साझा की और इसे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की दिशा में एक बड़ा बदलाव बताया।

