नई दिल्ली, 26 मई। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा 2022 परिणाम घोषित किए जाने के बाद कथित रूप से चयन का दावा करने वाले दो उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक काररवाई पर विचार कर रहा है।
आयशा मकरानी और तुषार ने अपने पक्ष में फर्जी दस्तावेज तैयार किए
यह मामला आयशा मकरानी (मध्य प्रदेश) और तुषार (बिहार) से संबंधित है, जिन्होंने फर्जी तरीके से दावा किया कि उन्हें आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 में वास्तव में अनुशंसित उम्मीदवारों के दो रोल नंबरों के खिलाफ सिफारिश की गई है। शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, ‘दोनों व्यक्तियों के दावे फर्जी हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं।’
बयान में कहा गया है कि ऐसा करके, आयशा मकरानी और तुषार दोनों ने भारत सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में काम किया है। इसलिए, परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक काररवाई पर विचार कर रहा है।
हमारी प्रणाली मजबूत होने के साथ फुलप्रूफ है, ऐसी त्रुटियां संभव नहीं – यूपीएससी
यूपीएससी ने बयान में यह बी कहा है कि आयोग की प्रणाली मजबूत होने के साथ-साथ फुलप्रूफ भी है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं। संघ लोक सेवा आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए तीन चरणों – प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार – में सालाना सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
बीते मंगलवार को जारी हुए परिणामों की अंतिम सूची में जगह बनाने वाले कुल 933 उम्मीदवार हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में शीर्ष तीन रैंक प्रतिभाशाली महिलाओं द्वारा हासिल की गई हैं। सूची में इशिता किशोर अव्वल रहीं, गरिमा लोहिया दूसरे और उमा हरीति एन तीसरे स्थान पर रहीं।