वाराणसी, 28 अगस्त। अधिक मास पड़ने से दो माह तक चले सावन के आठवें व अंतिम सोमवार को आज श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भोलेनाथ के दर्शन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बड़ी संख्या में शिव सैनिक ज्ञानवापी परिसर के अंदर मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में जलाभिषेक के लिए गोदौलिया तक पहुंच गए।
मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने शिव सैनिकों को आगे बढ़ने रोक दिया। इसके विरोध में शिव सैनिकों ने नारेबाजी की और सावन के अंतिम सोमवार पर पुरानी परंपरा के निर्वहन का तर्क देते हुए वे जलाभिषेक की जिद पर अड़ गए। इसके बाद पुलिस ने करीब 24 शिव सैनिकों को हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
ज्ञानवापी परिसर को लेकर कोर्ट में मामला लंबित
गौरतलब है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से सटे ज्ञानवापी परिसर को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। ज्ञानवापी परिसर के अंदर मौजूद श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन को लेकर एक अलग याचिका पर सुनवाई भी की जा रही है।
जुलूस के रूप में पहुंचे शिव सैनिक
शिवसैनिकों की ओर से हर वर्ष की भांति इस बार भी सावन के अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक व माता श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन व आरती की जिद की जाती है। इसी कड़ी में सोमवार को भी सैकड़ों शिवसैनिक निकल पड़े। अलग अलग जगहों से जुलूस के रूप में शिव सैनिक लक्सा चौराहा रामलीला मैदान में एकत्रित हुए। शिव सैनिकों के अलावा व भवानी सेना की महिलाएं भी पहुंच गईं।
‘बाबा हम लोग आएंगे, जल वही चढ़ाएंगे‘
शिव सैनिक ‘बाबा हम लोग आएंगे, जल वही चढ़ाएंगे’, ‘ज्ञानवापी मस्जिद को हटाया जाए’, ‘आदिविशेश्वर नाथ का दर्शन व जलाभिषेक करने दिया जाए’ आदि नारेबाजी कर रहे थे। सैकड़ों शिवसैनिकों को गौदौलिया चौराहे पर प्रशासन की तरफ से रोक दिया गया। सैकड़ों शिवसैनिकों को हिरासत में लिया गया।
एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिव सैनिकों का एक जत्था श्रृंगार गौरी के जलाभिषेक के लिए पहुंचा था। उन्हें रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन वह जिद कर रहे थे। इसके बाद करीब 24 शिव सैनिकों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया गया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।