गांधीनगर, 1 मार्च। गुजरात में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के 19 विधायकों को बुधवार को विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। एक फर्जी प्रशिक्षु पुलिस उपनिरीक्षक के सरकार द्वारा संचालित पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और फिर सदन से बहिर्गमन किया।
कांग्रेस के 16, ‘आप‘ के 3 विधायक निलंबित
कांग्रेस ने युवाओं के भविष्य से जुड़ा मुद्दा बताते हुए इस पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी ने अनुरोध को खारिज कर दिया। इसके बाद सदन में मौजूद कांग्रेस के 16 विधायकों और ‘आप’ के तीन विधायकों ने विरोधस्वरूप बहिर्गमन किया।
गुजरात के विधायी और संसदीय मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एक दिन के लिए इन सदस्यों के निलंबन को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि विपक्षी विधायकों ने ‘पूर्व नियोजित’ रणनीति के तहत तख्तियां लहराईं और नारे लगाए। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार का प्रस्ताव पारित हो गया, जिसमें कांग्रेस और ‘आप’ के 19 विधायकों को ‘हंगामा करने, नारेबाजी करने और बहिर्गमन करने पर एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।’
इस मामले को लेकर हुआ हंगामा
दरअसल, मंगलवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय ने कहा था कि मयूर तड़वी नाम के एक व्यक्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गांधीनगर के पास करई गांव में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस उपनिरीक्षक (पीएसआई) के रूप में प्रशिक्षण लेते पकड़ा गया।
मामले की अब तक की जांच से पता चला है कि तड़वी ने पीएसआई के रूप में अपने चयन का फर्जी पत्र तैयार किया और एक महीने पहले प्रशिक्षु के रूप में करई स्थित अकादमी में प्रवेश किया। हालांकि, जब 582 प्रशिक्षुओं के लिए वेतन बिल तैयार किए जा रहे थे, तब अधिकारियों ने पाया कि चयनित उम्मीदवारों की सूची में तड़वी का नाम नहीं था, जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया।
कांग्रेस ने ‘अत्यावश्यक लोक महत्व’ के मामले से संबंधित विधानसभा के नियम 116 के तहत मंगलवार को सदन में चर्चा के लिए एक नोटिस दी थी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ विधायक अमित चावड़ा ने घटना को गंभीर बताते हुए बुधवार को ही चर्चा की मांग की।
अमित चावड़ा बोले – ऐसे कई और लोग हो सकते हैं
चावड़ा ने कहा कि ऐसे कई अन्य लोग हो सकते हैं, जिन्होंने इस तरह अवैध तरीकों से अकादमी में प्रवेश किया हो। चौधरी ने उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह नियमों को दरकिनार नहीं कर सकते और उन्हें नियम 116 के तहत अपने जवाब के साथ आने के लिए संबंधित मंत्री को कम से कम दो दिन का समय देना होगा।
कांग्रेस विधायकों ने आज ही चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी और तख्तियां लहराईं। उन्होंने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी का इस्तीफा भी मांगा और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से स्पष्टीकरण भी मांगा। अपने जवाब में मुख्यमंत्री पटेल ने कांग्रेस की मांग की निंदा की और कहा कि उनकी सरकार हर तरह की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने में सक्षम है।