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यूपी : सपा विधायक इरफान सोलंकी ने भाई रिजवान के साथ किया सरेंडर, जानें मामला

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कानपुर, 2 दिसंबर। कानपुर की सीसामऊ व‍िधानसभा सीट से फरार सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने कानपुर कमिश्नर कैंप कार्यालय के सामने सरेंडर कर दिया है। इस दौरान व‍िधायक हसन रूमी और अम‍िताभ बाजपेई भी उनके साथ मौजूद रहे। पिछले महीने एक भूमि विवाद में एक महिला को कथित रूप से परेशान करने और उसके घर में आग लगाने के आरोप में पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था और तब से फरार चल रहे थे।

क्‍या है पूरा मामला

1- सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ जाजमऊ थाने में 8 नवंबर को एक मुकदमा दर्ज किया गया था।
2- मुकदमा एक महिला ने दर्ज कराया था, जिसमें आरोप है कि विधायक उनके भाई व अन्य उसके प्लाट पर कब्जा करना चाहते हैं।
3- इसी उद्देश्य से 7 नवंबर को प्लाट में बनी झोपड़ी में आग लगा दी गई और उन लोगों के साथ मारपीट व जान से मार देने की धमकी दी।
4- इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने जब विधायक व उनके भाई के घर 8 नवंबर की रात दबिश दी तो दोनों फरार हो गए थे।

धारा 212: अपराधी को कानूनी दंड से बचाने के इरादे से आश्रय देना। अपराध यदि मृत्यु दंडनीय है, तो आश्रम देने वाले को पांच वर्ष की सजा व जुर्माना, अगर अपराध आजीवन कारावास या दस वर्ष तक की सजा से दंडनीय है तो तीन वर्ष तक की सजा व जुर्माना हो सकता है।

धारा 419: किसी दस्तावेज को फर्जी तरीके से बनाना। तीन सात तक सजा व जुर्माना।

धारा 420: धोखाधड़ी। सात साल तक की सजा व जुर्माना

धारा 467: कूटरचना। अगर केंद्र सरकार से जुड़े दस्तावेज को कूटरचना करके तैयार किया जाता है तो आजीवन कारावास या दस वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है।

धारा 468: कूट रचना यह जानकार की जाए कि इसका प्रयोग छल के लिए किया जाएगा। सात वर्ष तक की सजा और जुर्माना।

धारा 471: कोई दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख, जिसके बारे में वह जानता हो कि वह दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख कूटरचित है, को कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग करना। आजीवन कारावास या दस वर्ष तक की सजा और जुर्माना।

धारा 120बी : साजिश। सजा अपराध के हिसाब से होती है।

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