प्रयाग, 27 मार्च। माफिया अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी के लिए गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा दिया गया है। न गाड़ी पलटी, न एकाउंटर हुआ और अतीक अहमद को गुजरात से सुरक्षित नैनी जेल तक यूपी पुलिस ले आई। सोमवार की शाम साढ़े पांच बजे अतीक को लेकर पुलिस का काफिला नैनी जेल पहुंचा।
अतीक अहमद रविवार की शाम छह बजे साबरमती की केंद्रीय जेल से काफिले के साथ निकला था। इस तरह 1300 किलोमीटर की दूरी 23 घंटे 30 मिनट में पूरी की गई । इस दौरान 12 बार काफिला विभिन्न कारणों से रास्ते में रुका।
नैनी जेल में अतीक और अशरफ के लिए सीसीटीवी से लैश स्पेशल सेल
वहीं, अतीक का छोटे भाई अशरफ भी करीब डेढ़ घंटे बाद शाम 6.55 पर नैनी जेल पहुंच गया। अशरफ को बरेली जेल से लाया गया। नैनी जेल में अतीक व अशरफ को विशेष सेल में रखा गया है। यहां सीसीटीवी लगाने के साथ ही ऐसे जवानों को तैनात किया गया है, जो बॉडी कैमरों से लैश हैं। इन कैमरों की एक-एक मूवमेंट को अधिकारी देखते रहेंगे।
उमेश पाल अपहरण के मामले में आज एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगा
उल्लेखनीय है कि उमेश पाल अपहरण के मामले में 28 मार्च को एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगी। इस मामले में मुख्य आरोपित अतीक और उसका भाई अशरफ हैं। अतीक को करीब चार साल बाद प्रयागराज लाया गया है।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा के मुताबिक अदालत के आदेश पर विधिक प्रक्रिया के तहत कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच अतीक को यहां लाया गया है। इस मुकदमे से संबंधित अन्य आरोपितों को भी अदालत के समक्ष पेश किया जाना है।
गौरतलब है कि माफिया अतीक को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर तीन जून, 2019 को नैनी सेंट्रल जेल से अहमदबाद की साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था। उस समय उसे वाराणसी से विमान से वहां ले जाया गया था। पुलिस ने कहा कि वह हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।
सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था
इस महीने की शुरुआत में अतीकअहमद ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसमें दावा किया गया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है। अपनी याचिका में, अहमद ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग कर रही है और उसे आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है।