प्रयागराज, 25 जनवरी। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को बुधवार को तगड़ा झटका लगा, जब एमपी/एमएलए कोर्ट ने आठ वर्ष पुराने मारपीट और जानलेवा हमले की कोशिश के मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए सजा के साथ जुर्माना लगाया है।
सजा के साथ ही कैबिनेट मंत्री को जमानत मिली
इस मामले में नंदी सहित तीन लोगों को सजा सुनाई गई है जबकि एक अन्य आरोपित को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया है। नंदी पर दलित उत्पीड़न का भी मामला था, लेकिन उस आरोप से उन्हें दोषमुक्त किया गया है। फैसला सुनाए जाने के वक्त नंदी समेत चारों आरोपित न्यायालय में उपस्थित थे। सजा के साथ ही मंत्री को जमानत भी दे दी गई है।
एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ल के समक्ष जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य के साथ नंदी के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनकर फैसला सुनाया गया। नंदी को धारा 147 हंगामा या उपद्रव में एक वर्ष की सजा और 5 हजार जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही 149/323 भीड़ जुटाना और हमले मारपीट के मामले में छह माह की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है।
यह था मामला
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नंदी कांग्रेस से लोकसभा के उम्मीदवार थे। उनके खिलाफ वेंकटरमण शुक्ल ने तीन मई, 2014 को मुट्टीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि नंदी के ललकारने पर सपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। दलितों पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया और जान से मारने की नीयत से फायरिंग की गई थी।