लखनऊ, 11 जनवरी। उत्तर प्रदेश में मदरसा टीचरों के लिए बुरी खबर है। केंद्र के बाद अब योगी सरकार ने भी मानदेय बंद करने का फैसला लिया है। मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत हिंदी, अंग्रेजी ,विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान को पढ़ाने वाले टीचर रखे गए थे। स्नातक पास शिक्षकों को 6000 और परास्तानक शिक्षकों को 12000 प्रति माह मानदेय दिया जाता था। 2016 से यूपी सरकार दो हजार और तीन हजार अतिरिक्त मानदेय देती थी। मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत 7442 मदरसों में 21500 शिक्षक बहाल हुए थे।
- मदरसा टीचरों को नहीं मिलेगा मानदेय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार योजना के बारे में मंच से जिक्र किया है। उन्होंने कहा था कि बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर होगा। अब मदरसा आधुनिकरण योजना के लाभ से लाभान्वित होने वाले बच्चों और शिक्षकों को तगड़ा झटका लगा है। कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने मदरसा आधुनिकरण योजना मद में राशि देना बंद करने का फैसला लिया था। केंद्र के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी मदरसा टीचरों को अतिरिक्त मानदेय बंद कर दिया।
- केंद्र के बाद यूपी सरकार ने लिया निर्णय
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी हरि बक्श सिंह ने बताया कि यूपी में मानदेय की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। मदरसा आधुनिकरण योजना मद में बजट या वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत दिए जानेवाले मानदेय पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सरकार के फैसले से मदरसा आधुनिकरण योजना पर असर पड़ेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि मदरसा टीचरों को मिलनेवाला मानदेय दोबारा शुरू किया जाए। उन्होंने मुस्लिम बच्चों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण याद किया।