लखनऊ, 10 सितम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्मसस्थली मथुरा और वृंदावन के 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। इसके साथ ही निर्धारित क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
मथुरा-वृंदावन के 22 नगर निगम वार्ड इस दायरे में शामिल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जानकारी दी गई कि प्रदेश सरकार ने मथुरा-वृंदावन के 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है। इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले के तहत मथुरा-वृंदावन के इस इलाके के कुल 22 नगर निगम वार्ड, क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित किया है।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने मथुरा-वृंदावन में श्री कृष्ण जन्म स्थल को केंद्र में रखकर 10 वर्ग कि.मी. क्षेत्र के कुल 22 नगर निगम वार्ड, क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित किया है।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सीएम योगी ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कान्हा का जन्मोत्सव मनाने मथुरा पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि जो लोग मांस-मदिरा बेचने के काम में लगे हुए हैं, उनको पुनर्वास के रूप में दूध बेचने जैसे कामों में लगाया जा सकता है।
यूपी में अभी 7 स्थल औपचारिक रूप से तीर्थस्थल घोषित
इस बीच यूपी सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी सात स्थलों वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव को तीर्थस्थल क्षेत्र का दर्जा दिया गया है। वैसे तो प्रदेश में धार्मिक नगरी कई हैं, लेकिन सरकार द्वारा औपचारिक तौर पर घोषित तीर्थस्थल क्षेत्र मथुरा के यही सात हैं।
अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में सुविधाएं लगातार बेहतर की जा रहीं
स्मरण रहे कि योगी सरकार तीर्थस्थलों के विकास के काम में लगातार लगी हुई है। इसी क्रम में अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं। वस्तुतः यूपी में सरकार बनाते ही योगी सरकार ने तीर्थस्थल घोषित करने की कवायद शुरू कर दी थी। अक्तूबर, 2017 में कृष्ण की नगरी वृंदावन और राधा की जन्मस्थली बरसाना को तीर्थस्थल घोषित करने की घोषणा हुई थी। यह भी कहा गया था कि सभी सात स्थलों को तीर्थस्थल घोषित किया जाएगा। वृंदावन में हर वर्ष डेढ़ करोड़ तो बरसाना में 60 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं।