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यूपी सरकार सीबीआई को सौंप सकती है महंत नरेंद्र गिरि का केस, जानें वजह?

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लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से करवाने के लिए जल्द ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुशंसा कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगले दो दिनों के अंदर ही योगी सरकार इस मामले की सीबीआई जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख सकती है।

दरअसल जिस तरह से महंत नरेंद्र गिरी का शव उनके कमरे में भगवा रंग के धोती वाले फंदे से लटका हुआ पाया गया था और बाद में करीब 8 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। उससे यह बात सामने आई कि उन्होंने आत्महत्या की है, लेकिन एक संत की आत्महत्या करने का मामला किसी को विश्वास नहीं हो पा रहा है।

महंत नरेंद्र गिरी की मौत से जुड़े मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया है, जिसे खुद ADG प्रेम प्रकाश और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसपी सिंह मॉनिटरिंग कर रहे हैं। क्योंकि कई डॉक्टरों के पैनल गठित कर पोस्टमार्टम कराया जाएगा, उसके बाद ही मौत की असली वजह पता किया जा सकता।

फिलहाल पुलिस की टीम महंत नरेंद्र गिरी के मोबाइल फोन को भी अपने कब्जे में लेकर तफ़्तीश कर रही है कि किन-किन लोगों से ज्यादा बातचीत होती थी और मौत के पहले आखि‍री के पांच दिनों के दौरान किन लोगों से ज्यादा बातचीत हुई है। आंनद गिरी और उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरी के बीच तल्खी के मसले पर भी पुलिस की टीम आगे तफ्तीश कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक हिन्दू धर्म और संतों की मान्यता और परंपरा के मुताबिक, मंगलवार 21 सितंबर को पंचक तिथि होने की वजह से महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमार्टम नहीं होगा। दरअसल धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती हिन्दू धर्म में पांच नक्षत्रों का एक समूह है। धनिष्ठा के प्रारंभ होने से लेकर रेवती नक्षत्र के अंत समय को पंचक कहते हैं।

मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। ये अशुभ होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का काम अशुभ माना गया है। इसलिए महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमार्टम बुधवार को होने के बाद अंतिम संस्कार संतों की परंपरा के मुताबिक को सम्पन्न किया जाएगा।

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