गोरखपुर, 4 जनवरी। तीन दिवसीय चुनावी दौरे पर गुरुवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव में विजय के संकल्प के साथ शुक्रवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। मंदिर स्थित अपने आवास के शक्तिपीठ में एक घंटे तक चले अनुष्ठान में उन्होंने पके हुए आम के रस, 11 लीटर दूध, जल, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से महादेव भगवान शिव का अभिषेक किया। उन्हें बेलपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, शमी पत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल भी चढ़ाया।
- विधि-विधान के साथ पूजन किया
रुद्राभिषेक अनुष्ठान की शुरुआत भगवान शंकर के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ हुई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान शिव और द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूरे विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजन किया। इसी क्रम में अंत में रुद्राभिषेक की आनुष्ठानिक प्रक्रिया वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सम्पन्न की गई।
रुद्राभिषेक को मंदिर के प्रधान पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व में सम्पन्न कराया गया। उनके साथ वैदिक मंत्रोच्चार करने वालों में डा. अरविंद चतुर्वेदी, डा. रोहित मिश्र, पं. पुरुषोत्तम चौबे, नित्यानंद तिवारी, शुभम मिश्र, शशांक शास्त्री शामिल रहे। इस दौरान मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ, द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, विनय कुमार गौतम, दुर्गेश बजाज आदि भी मौजूद रहे।
- परंपरागत रही दिनचर्या, नहीं हुआ जनता दर्शन
रुद्राभिषेक से पहले गोरखनाथ मंदिर में शुक्रवार की सुबह की मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही। तड़के आवास से निकलने बाद उन्होंने सबसे पहले बाबा गोरखनाथ के दरबार में शीश नवाया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनकी पूजा-अर्चना की। अपने गुरु बह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद भी लिया। मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वह गोशाला पहुंचे, जहां करीब आधा घंटा गायों के बीच गुजारा और उन्हें दुलराया-पुचकारा। चुनाव आचार संहिता के चलते जनता दर्शन कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ।