कानपुर, 10 मार्च। कानपुर जिले में 10 सीटों पर कुल 93 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें से कुछ प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्हें प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम माना जाता है। वहीं कानपुर समेत आसपास जिलों की 52 सीटों पर भी कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसमें सबसे ऊपर नाम प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का है। पिछला चुनाव उन्होंने करीब 92 हजार वोटों से जीता था। दूसरे नंबर पर हैं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार जिन्होंने पिछले चुनाव में कल्याणपुर में करीब 23 हजार वोटों से जीत हासिल की थी।
सपा के इरफान सोलंकी लगातार कई चुनाव जीत चुके हैं। उनके सामने अब अपनी सीट बचाने की चुनौती है। उनके सामने इस बार प्रत्याशी के रूप में विधान परिषद सदस्य, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सलिल विश्नोई हैं, खुद उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं इटावा में जसवंतनगर सीट पर सपा-प्रसपा गठबंधन सीट पर शिवपाल सिंह यादव की भी साख दांव पर लगी है। कन्नौज में सदर सीट पर पूर्व आईपीएस असीम अरुण पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। चित्रकूट में राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय भी एक बार फिर साख बरकरार रखने की जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं।
सतीश महाना: कानपुर की महाराजपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सतीश महाना प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। वह 1991 से लगातार सभी विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं और पिछली बार सबसे ज्यादा 1,32,394 वोट हासिल करने वाले प्रत्याशी थे। इसके अलावा उनकी जीत भी सबसे बड़ी थी। उन्होंने बसपा प्रत्याशी को हराया था।
नीलिमा कटियार: दूसरी ओर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार हैं। उन्होंने कानपुर की कल्याणपुर सीट से ही विधायक रहे सतीश निगम को 2017 में हराया था। इस बार वह फिर सपा प्रत्याशी सतीश निगम के सामने हैं। प्रदेश सरकार में मंत्री होने के नाते उन पर भी अपनी सीट को लेकर दबाव है। हालांकि पिछला चुनाव उन्होंने 23 हजार से ज्यादा वोटों से जीता था।
इरफान सोलंकी: कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर लगातार विधायक बन रहे इरफान सोलंकी पर दबाव है। उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी भी विधायक रह चुके हैं। उनके सामने पूर्व विधायक सलिल विश्नोई हैं जो पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। वह प्रदेश की चुनाव संचालन समिति में होने के साथ विधान परिषद सदस्य भी हैं। पार्टी में प्रदेश स्तर पर वह बड़ा चेहरा माने जाते हैं। इस सीट पर दोनों की ही प्रतिष्ठा लगी हुई है।
शिवपाल सिंह यादव : इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा प्रसपा गठबंधन प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव की एक बार फिर प्रतिष्ठा फंसी है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से विरासत में मिली इस सीट पर शिवपाल सिंह यादव लगातार जीत हासिल करते चले आ रहे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में सपा की टिकट पर जीतने के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था।
असीम अरुण : कानपुर पुलिस कमिश्नर पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद राजनीति के मैदान में उतरे पूर्व आइपीएस असीम अरुण भी कन्नौज सदर सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। कानपुर ही नहीं आसपास के कई जिलों से उनपर निगाहे बनी हुई हैं।
चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय : प्रदेश सरकार में मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में फिर किस्मत का फैसला जनादेश पर होने वाला है। दोबारा इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए वह पूरी ताकत लगा चुके हैं और बस कुछ ही देर बाद फैसला सामने होगा।