लखनऊ, 11 मार्च। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सहयोगियों के साथ प्रचंड बहुमत पा लिया है। इस बड़ी सफलता के बाद अब भाजपा को नया मंत्रिमंडल तय करना है। केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद एक नया उप मुख्यमंत्री भी तय होना है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल के गठन में क्षेत्रीय तथा जातीय संतुलन साधने पर भी फोकस रहेगा। भाजपा 2024 के लोकसभा की तैयारी में जुट जाएगी और मंत्रिमंडल के गठन में इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
भाजपा को उत्तर प्रदेश में नए उप मुख्यमंत्री पद की तलाश में स्वतंत्र देव सिंह के साथ बेबी रानी मौर्य की दावेदारी को भी ध्यान में रखेगी। इस बार चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही साथ 11 मंत्री चुनाव हारे हैं। इनकी खाली जगह भरने के लिए भारतीय जनता पार्टी को मंत्रिमंडल में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण साधकर नए चेहरों को जगह देनी होगी। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन के फार्मूले में फिट डॉ. दिनेश शर्मा को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
भाजपा यूपी में प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाने में तो सफल रही, लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित ग्यारह मंत्री चुनाव हार गए। अब नई सरकार में नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन होना है। यह तो तय है कि अब मंत्रिमंडल के सहारे भाजपा 2024 के लिए रणनीति की चौसर सजाएगी। क्षेत्रीय-जातीय संतुलन साधते हुए न सिर्फ हारे मंत्रियों के स्थान पर भरपाई नए विधायकों से की जाएगी, बल्कि फिर से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते है। जिसके लिए विभिन्न समीकरण पूरे करते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और आगरा ग्रामीण से विधायक चुनी गईं पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है।