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यूपी : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की हालत में सुधार, हुए ड‍िस्‍चार्ज

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लखनऊ, 30 अप्रैल। मेदांता अस्पताल में भर्ती श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के स्वास्थ्य में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है। अस्पताल निदेशक डा. राकेश कपूर ने कहा कि उनको एम्बुलेंस से अयोध्या ले जाया गया है। अस्पताल की क्रिटिकल केयर टीम उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घ आयु की प्रार्थना करती है।

महंत खुद को बेहतर महसूस कर रहे थे। वह लोगों से बातचीत भी कर रहे थे। गुरुवार को ही उनकी तबीयत में काफी सुधार देखा गया था। रविवार को अचानक तबीयत खराब होने पर महंत को भर्ती कराया गया था। 84 वर्षीय महंत नृत्य गोपाल दास के गुर्दे और पेशाब संक्रमण निकला था।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास शुक्रवार को सायं अस्पताल से स्वस्थ हो वापस अपने आश्रम पहुंचे। गत रविवार को उन्हें नियमित जांच के सिलसिले में लखनऊ के मेदांता अस्पताल ले जाया गया था। उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अस्पताल प्रशासन ने पांच दिनों तक भर्ती रखा। हालांकि अयोध्या पहुंचने पर महंत नृत्यगोपालदास स्वस्थ नजर आए। 85 वर्षीय महंत को अभी भी चलने में परेशानी हो रही है और एंबुलेंस से उतार कर शिष्यगण उन्हें व्हील चेयर से उनके कक्ष की ओर ले गए।

उन्होंने शिष्यों का अभिवादन स्वीकार करने के साथ मंदिर में विराजे भगवान के विग्रह को नमन भी किया। महंत नृत्यगोपालदास लंबे समय से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। 13 अगस्त वर्ष 2020 को कोरोना पीड़ित होने, सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस बार महंत नृत्यगोपालदास को अस्पताल से एक माह के भीतर ही छुट्टी मिल गई थी, किंतु उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं हो सका था। दो माह बाद ही उन्हें गंभीरावस्था में पुन: अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

इस बार उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रहना पड़ा था। अस्पताल से छुट्टी पाने के बाद वह करीब एक वर्ष से आईसीयू वार्ड के रूप में सज्जित किए गए आश्रम के कक्ष में ही रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। छावनी के स्थानीय प्रबंधन से जुड़े विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार कुछ समय से वह भले व्हील चेयर पर आश्रित हों, किंतु लोगों को पहचानने और संवाद की उनकी सामर्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है।