बलरामपुर, लखनऊ, 8 जुलाई। विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण का काला कारोबार चलाने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के ऊपर अब शासन व प्रशासन की नजर में टेढ़ी हो गई है। बीते दिनों लखनऊ में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद छांगुर बाबा तथा उसके परिजनों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मंगलवार को उतरौला तहसील प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स के साथ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने छांगुर बाबा के आशियाने को बुलडोजर चला कर ढहा दिया है। यह मकान उसने अपने करीबी नीतू रोहरा के नाम से बनवाया था। बताते चलें कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा धर्मांतरण गैंग का मुख्य आरोपी है।गत वर्ष एटीएस तथा एसटीएफ का शिकंजा कसने के बाद यह भूमिगत हो गया था।
विदेश से करीब 100 करोड़ की फंडिंग कराकर छांगुर बाबा ने धर्मांतरण का कार्य शुरू किया था इस कार्य में वह काफी सफल भी दिख रहा था। इसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद यह खुद भूमिगत हो गया था। गत पांच जुलाई को एटीएस की टीम ने जमालुद्दीन को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद इसके द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों की छानबीन स्थानीय प्रशासन में तेज कर दी।उतरौला कस्बे से सटे मधपुर में बने इसके आलीशान मकान की जांच के बाद प्रशासन ने पाया कि यह गाटा संख्या 337 व 370 में बना इसका मकान पूरी तरह से अवैध है।यह मकान सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया गया है।
उतरौला तहसीलदार ने गत 16 व 27 मई को नोटिस जारी कर जमालुद्दीन को घर खाली करने का आदेश दिया था।घर नहीं खाली होने पर गत सोमवार की शाम प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई का नोटिस उसके घर पर चस्पा किया था।मंगलवार सुबह भारी फोर्स के साथ स्थानीय तहसील प्रशासन ने तीन बुलडोजर चलाकर जमालुद्दीन के अवैध मकान को पूरी तरह धराशाई कर दिया है।
प्रशासन का कहना है कि उसके द्वारा अर्जित की गई अन्य संपत्तियों की भी जांच की जा रही है जांच में जो भी अवैध संपत्तियों पाई जाएगी वह जब्त की जाएगी। जमालुद्दीन के धर्मांतरण का गिरोह उतरौला के साथ-साथ आजमगढ़, लखनऊ और विदेशों में भी फैला था। उसकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस तथा एसटीएफ की टीम उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी कर रही है। जमालुद्दीन के धर्मांतरण के गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।

