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हांगकांग विश्वविद्यालय ने परिसर से हटाया तियानमेन स्क्वायर नरसंहार का स्मारक

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हांगकांग, 23 दिसंबर। देश के सबसे पुराने हांगकांग विश्वविद्यालय ने बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में मारे गए लोगों की याद में परिरसर में स्थापित स्मारक ‘पिलर ऑफ द शेम’ को हटा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डेनमार्क से इसके निर्माता की आपत्तियों पर गुरुवार तड़के श्रमिकों द्वारा इसे हटा दिया गया। स्मारक को नष्ट करने के लिए रातभर ऑपरेशन चला।

1997 में विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित किया गया था स्मारक

करीब 8 मीटर ऊंचा यह स्मारक विश्वविद्यालय परिसर में 1997 में स्थापित किया गया था। गौरतलब है कि 1997 में ही ब्रिटिश उपनिवेश से हांगकांग को चीन को सौंप दिया गया था। यह स्मारक ‘पिलर ऑफ द शेम’ नाम से जाना जाता था।

चीन के दबाव में की गई काररवाई हांगकांग की स्वतंत्रता के लिए बड़ा झटका

चीन के डर या दबाव में की गई इस घटना को हांगकांग की स्वतंत्रता के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। स्मारक को कोई देख न सके, इसके लिए विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने छत तक की चादरों और प्लास्टिक का इस्तेमाल किया क्योंकि रातभर ड्रिलिंग और धातु के बजने की आवाजें सुनी जा सकती थीं।

इस प्रतिमा में 50 पीड़ित चेहरे और उनके शरीर को एक-दूसरे के ऊपर ढेर करके बनाया गया था, जो 1989 में तियानमेन स्क्वायर में चीनी सैनिकों द्वारा मारे गए लोकतंत्र प्रदर्शनकारियों की याद दिलाती थी। हांगकांग में इस प्रतिमा की उपस्थिति चीन की अपेक्षा हांगकांग की स्वतंत्रता का एक ज्वलंत उदाहरण थी। चीन में तियानमेन की घटना से जुड़ी खबर या फिर प्रतीक को बड़ी मात्रा में सेंसर किया जाता है।

हांगकांग को अपने स्वरूप में ढालना चाहता है बीजिंग

दरअसल, बीते दो वर्षों से चीन हांगकांग में होने वाले चीन के खिलाफ लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को लेकर सतर्क हो गया है। इसी कारण बीजिंग हांगकांग को अपने स्वरूप में ढालना चाहता है।

चीन की इस नीति के कारण विश्वविद्याल में रखी तियानमेन सक्वायर से जुड़ी ये प्रतिमा अवैध हो चुकी थी। बीते अक्टूबर में, विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों ने कानूनी जोखिमों का हवाला देते हुए इस प्रतिमा को परिसर से हटाने का आदेश दिया था।

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