नई दिल्ली, 19 अगस्त। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार ने इन खबरों से इनकार किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ईंधन की कीमतों में कमी करने जा रही है।
समाचार चैनल ‘आजतक’ के जी20 शिखर सम्मलेन में शनिवार को हरदीप पुरी से पूछा गया कि क्या चुनाव से पहले लोगों को राहत देने के लिए ईंधन की कीमतें कम होने जा रही हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा है कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले ईधन की कीमतें कम करने जा रही है। ये मीडिया द्वारा फैलाया गया दावा है, लेकिन इसमें कोई दम नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों, परिवहन लागत, रिफाइनिंग लागत और करों जैसे कई कारकों से तय होती हैं। उन्होंने कहा कि देश में ईंधन की कीमतें इस बात से तय होती हैं कि सरकार ऐसे कारकों से कैसे निबटती है।
महामारी के बाद 2022 में तेल की कीमतें बढ़ने का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि भारत ने तेल आपूर्ति करने वाले देशों से कीमतें कम करने के लिए नहीं कहा। बल्कि सरकार ने कीमतें कम करने के लिए ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती की। इसके अलावा भाजपाशासित राज्यों में सरकार ने ईंधन पर मूल्य वर्धित कर घटाकर 8 रुपये से 11 रुपये तक कीमतें कम कर दीं।
विपक्षी गठबंधन इंडिया पर किया कटाक्ष
कार्यक्रम के दौरान विपक्षी गठबंधन इंडिया के बारे में सवाल पूछे जाने पर हरदीप पुरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ हुई बातचीत को याद किया, जिसमें ‘आप’ नेता ने कहा था कि वह वंशवाद की राजनीति के खिलाफ हैं। पुरी ने कहा कि जब उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि वह विपक्षी गठबंधन का हिस्सा क्यों हैं, तो ‘आप’ नेता ने कहा कि यह सिर्फ राजनीति थी। उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘राजनीति में उत्साही होना महत्वपूर्ण है। खासकर यदि आपके पास कोई दम नहीं है।’
दुनिया अब भारत को ‘वैश्विक दक्षिण की आवाज‘ कह रही है
इस वर्ष भारत द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के बारे में बात करते हुए पुरी ने कहा कि भारत का अनुभव विकासशील देशों के लिए बहुत प्रासंगिक है। देश की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र विकसित कर रहा है, जिसे अब ‘वैश्विक दक्षिण की आवाज’ कहा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई मेट्रो ट्रेन प्रणाली चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मेट्रो प्रणाली बनने के लिए तैयार है।