नई दिल्ली, 10 नवंबर। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) को बहाल करने की मंजूरी दे दी है, जो कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले वर्ष निलंबित कर दी गई थी। इसी क्रम में भारतीय कपास निगम के लिए 17,408.85 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध मूल्य समर्थन को मंजूरी दे दी गई है।
2025-26 तक जारी रहेगी संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया कॉन्फ्रेंस में बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि के लिए एमपीलैड्स को बहाल कर दिया गया है। यह योजना 2025-26 तक जारी रहेगी।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2021-22 की शेष अवधि के लिए एक किस्त में दो करोड़ रुपये प्रति सांसद की दर से राशि जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि 2022-23 से 2025-26 तक प्रत्येक सांसद को पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की दर से 2.5 करोड़ रुपये की राशि दो किस्तों में जारी की जाएगी।
कोविड-19 के मद्देनजर पिछले वर्ष निलंबित कर दी गई थी योजना
एमपीलैड्स के तहत अब तक 19.86 लाख परियोजनाएं पूर्ण
केंद्र सरकार के अनुसार सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों और राज्यों में विशेष रूप से पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता के क्षेत्रों में विकास कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम बनाना इस योजना का उद्देश्य है। एमपीलैड्स की शुरुआत के बाद से अब तक 54,171 करोड़ रुपये की लागत वाली 19,86,000 से अधिक परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में भारतीय कपास निगम को 17,408.85 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध मूल्य समर्थन को मंजूरी दी। सीसीईए ने कपास सीजन (अक्टूबर से सितम्बर) 2014-15 से 2020-21 के दौरान कपास के लिए एमएसपी ऑप्स के तहत नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए व्यय को मंजूरी दी।
#Cabinet ने जेपीएम अधिनियम, 1987 के तहत जूट वर्ष 2021-22 के लिए जूट पैकेजिंग सामग्री के लिए आरक्षण नियमों को मंजूरी दी
खाद्यान्नों को शत-प्रतिशत और 20 प्रतिशत चीनी को जूट की बोरियों में पैक करना अनिवार्य है
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) November 10, 2021
उन्होंने कहा, जूट पैकेजिंग सामग्री अधिनियम, 1987 के तहत वर्ष 2021-22 के लिए जूट पैकेजिंग सामग्री के लिए आरक्षण मानदंडों को मंजूरी के रूप में 100% खाद्यान्न और 20% चीनी को जूट बैग में पैक किया जाएगा। जूट मिलों और सहायक इकाइयों में 3,70,000 श्रमिकों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
15 नवंबर ‘जनजातीय गौरव दिवस‘ घोषित
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय इतिहास और संस्कृति में जनजातियों के विशेष स्थान और योगदान को सम्मानित करने व आने वाली पीढ़ियों को इस सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव के संरक्षण के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित करने का निर्णय लिया है।