नई दिल्ली, 14 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आहूत केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इस क्रम में छत्तीसगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे गई।
प्रधानमंत्री @narendramodi की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्षों से लंबित पड़े जनजातीय विषयों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लिए गए हैं: केंद्रीय मंत्री @MundaArjun pic.twitter.com/uiPvsB0hoN
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 14, 2022
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि ‘छत्तीसगढ़ में 12 समुदायों, कर्नाटक में एक, हिमाचल प्रदेश में एक, तमिलनाडु में एक और उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया और गोंड की पांच उपजातियों – धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति में शामिल करते हुए नामों में कुछ बदलाव भी किए है। इनमें भारिया भूमिया के पर्याय के रूप में भूईंया, भूयां, Bharia नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार किया गया। पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो और धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार, धनुवार। गदबा गोंड के साथ गोंड़, कोंध के साथ कोड़ाकू, नगेसिया के साथ नागासिया के पर्याय के रूप में किसान। धनगढ़ का परिशोधन धांगड़। सावर, सवरा के पर्याय के रूप में सौंरा, संवरा, बिंझिया नाम दिया गया है।