नई दिल्ली, 17 मई। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सत्र 2023-24 के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को बुधवार को मंजूरी दे दी। सरकार के इस कदम का मकसद उर्वरकों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सत्र के लिए यूरिया पर 70,000 करोड़ रुपये और डीएपी एवं अन्य उर्वरकों के लिए 38,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
उर्वरकों की अधिकतम खुदरा कीमतों में भी कोई बदलाव नहीं
उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख मांडविया ने मंत्रिमंडल में लिए गए इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल, 2023- मार्च, 2024 के खरीफ सत्र में उर्वरक सब्सिडी पर कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उर्वरकों की अधिकतम खुदरा कीमतों (MRP) में इस अवधि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। फिलहाल यूरिया की कीमत 276 रुपये प्रति बोरी है जबकि डीएपी 1,350 रुपये प्रति बोरी पर बिक रही है। उर्वरक सब्सिडी से करीब 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
उर्वरक सब्सिडी से करीब 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने की उम्मीद
मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश में 325 से 350 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपयोग होता है। 100 से 125 लाख मीट्रिक टन DAP और NPK का उपयोग होता है। 50-60 लाख मीट्रिक टन MOP का इस्तेमाल होता है। किसानों को समय पर खाद मिले, इसके लिए मोदी सरकार ने सब्सिडी बढ़ाई, लेकिन MRP नहीं बढ़े। खरीफ फसलों के लिए सरकार ने तय किया है कि भारत सरकार खाद की कीमत नहीं बढ़ाएगी। भारत सरकार खरीफ सीजन की फसल के लिए सब्सिडी में एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।