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केंद्रीय कैबिनेट ने चुनाव सुधारों के प्रस्ताव को दी मंजूरी, वोटर आईडी को अब आधार से जोड़ने का विकल्प

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नई दिल्ली, 15 दिसंबर। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर चुनावी सुधार संबंधी बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत चार बड़े बदलाव लाए जा रहे हैं, जिनमें मतदान की प्रक्रिया को और समावेशी सहित निर्वाचन आयोग को ज्यादा शक्ति देना और फर्जी मतदान को प्रक्रिया से बाहर करने की बात है।

चुनाव सुधार के लिए होंगे ये बड़े फैसले

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैन और आधार को लिंक करने की तरह ही आधार कार्ड को अब वोटर आईडी से जोड़ा जा सकेगा। हालांकि, यह वैकल्पिक आधार पर है और इच्छुक लोग ही ऐसा कर सकेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार उसके द्वारा किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे बेहद सकारात्मक रहे और इस कदम से फर्जी वोटर सिस्टम से बाहर हो जाएंगे।

18 वर्ष के वोटरों को अब वर्ष में 4 बार पंजीकरण का मौका

एक अन्य प्रस्ताव मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए और अधिक मौकों की अनुमति देना है। अगले वर्ष 1 जनवरी से पहली बार 18 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं को चार अलग-अलग कट-ऑफ तारीखों के साथ चार बार पंजीकरण करने का मौका मिलेगा। ऐसा वे अब तक वर्ष में एक बार ही कर पाते थे।

नए बदलाव से चुनाव आयोग को चुनाव के संचालन के लिए किसी भी परिसर को लेने के लिए आवश्यक सभी शक्तियां भी मिल जाएंगी। इससे पहले चुनाव की अवधि के दौरान स्कूलों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों को अपने कब्जे में लेने पर कुछ आपत्तियां थीं। सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही इन प्रमुख चुनावी सुधारों को पेश करेगी।

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