Site icon hindi.revoi.in

फलस्तीन में इजराइली बस्तियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव, भारत ने इजराइल के खिलाफ पहली बार किया वोट

Social Share

नई दिल्ली, 12 नवम्बर। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में इजराइल के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें भारत ने पहली बार इजराइल के खिलाफ वोट दिया है। भारत उन 145 देशों में शामिल था, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। इस प्रस्ताव में पूर्वी यरुशलम सहित अधिकृत फलस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में निबटान गतिविधियों की निंदा की गई थी। मसौदा प्रस्ताव को गत नौ नवम्बर को मंजूरी दी गई।

संयुक्त राष्ट्र के मसौदा प्रस्ताव शीर्षक था – ‘पूर्वी यरुशलम और कब्जे वाले सीरियाई गोलान सहित कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में इजरायली बस्तियां’। इस प्रस्ताव को भारी बहुमत से पारित किया गया था। इस प्रस्ताव के खिलाफ कनाडा, हंगरी, इजराइल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू, संयुक्त राज्य अमेरिका ने मतदान किया और 18 देश मतदान से अनुपस्थित रहे।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पर मतदान की एक तस्वीर साझा करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत गणराज्य ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।’ साकेत गोखले ने कहा कि फलस्तीन पर इजराइल का कब्जा अवैध है।

पिछले महीने, भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया, जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था क्योंकि इसमें आतंकवादी समूह हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।

‘नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी और मानवीय दायित्वों को कायम रखना’ शीर्षक वाले प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया, जिसमें 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान नहीं किया।

Exit mobile version