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अतीक अहमद की सजा पर उमेश पाल की मां बोलीं – ‘मेरे बेटे की हत्या के मामले में उसे फांसी की सजा होनी चाहिए’

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प्रयागराज, 28 मार्च। प्रयागराज की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया-राजनेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपितों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उमेश पाल की मां शांति देवी ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया है। लेकिन, वह साथ ही यह भी चाहती हैं कि उमेश पाल की हत्या के मामले में माफिया को फांसी की सजा होनी चाहिए।

शांति देवी ने कहा, ‘जो फैसला आज आया है, इस पर मुझे पूर्ण विश्वास था, लेकिन यह फैसला उमेश के अपहरण का है। लेकिन उसके बाद मेरे बेटे का मर्डर हुआ है, जो कलम की लड़ाई लड़ता था। मेरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विनती है कि मेरे बेटे की हत्या के लिए अदालत अतीक अहमद को फांसी की सजा सुनाए।’

जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ल ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपितों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह रकम उमेश पाल के परिजन को दी जाएगी। अदालत ने अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपितों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।  सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गई थी।

अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज में नैनी केंद्रीय कारागार लाया गया था। उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह थे। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपित है।

उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपितों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।