नई दिल्ली, 17 दिसम्बर। आधार विश्व की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली है, जिसके करीब 134 करोड़ सक्रिय आधार धारक हैं। इस पर 16,000 करोड़ से अधिक प्रमाणीकरण लेनदेन पूरे किए जा चुके हैं। ऐसे में कई बार आधार से जुड़े व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं। लेकिन आधार जारी करने के लिए अधिकृत संस्था, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने स्पष्ट किया है कि आधार संख्या धारकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं।
- UIDAI ने अपने डेटाबेस की सुरक्षा के लिए गहन सुरक्षा के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है और अपने सिस्टम की सुरक्षा के लिए इसकी निरंतर समीक्षा/ऑडिट भी किया जाता है।
- यह डेटा के संचरण और भंडारण के दौरान सुरक्षा के लिए उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल करता है।
- यूआईडीएआई की सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली को एसटीक्यूसी द्वारा ISO 27001:2022 प्रमाणित किया गया है। यूआईडीएआई को ISO/IEC 27701:2019 (गोपनीयता सूचना प्रबंधन प्रणाली) का भी प्रमाणन प्राप्त है।
- इसके अलावा, यूआईडीएआई को एक संरक्षित प्रणाली भी घोषित किया गया है और इसलिए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआईआईपीसी) इसकी साइबर सुरक्षा स्थिति को बनाए रखने के लिए लगातार सुरक्षा सलाह प्रदान करता है।
आधार प्रणाली के लिए शासन, जोखिम, अनुपालन और प्रदर्शन (जीआरसीपी) ढांचा तैयार करने और इसके अनुपालन की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र लेखापरीक्षा एजेंसी भी नियुक्त की गई है। यह एजेंसी यूआईडीएआई एप्लिकेशन का लगातार साइबर सुरक्षा ऑडिट करती है, जिसमें स्टैटिक एप्लिकेशन सिक्योरिटी टेस्टिंग (एसएएसटी) और डायनेमिक एप्लिकेशन सिक्योरिटी टेस्टिंग (डीएएसटी) शामिल हैं।
फिलहाल यूआईडीएआई डेटाबेस से आधार कार्ड धारकों के डेटा में अब तक कोई सेंधमारी नहीं हुई है। यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने दी।

