मुंबई, 13 जनवरी। अयोध्या स्थित राम मंदिर को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘राम मंदिर बन रहा है और इससे सभी खुश हैं, लेकिन मैं देशभक्त हूं, अंधभक्त नहीं। राम मंदिर बने ये मेरे पिता का भी सपना था और यह हम सभी के लिए खुशी की बात है कि अब मंदिर बन रहा है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शंकराचार्यों से चर्चा की जानी चाहिए थी।’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह 22 जनवरी की शाम को गोदावरी नदी के तट पर आरती करेंगे।
दरअसल, उद्धव ठाकरे से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और उसमें कथित तौर पर शंकराचार्यों के शामिल न होने को लेकर सवाल किया गया था। दरअसल विपक्ष का दावा है कि शंकराचार्यों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। विपक्ष का कहना है कि कथित तौर पर अधूरे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने और प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों अनुसार न होने से शंकराचार्य नाराज हैं। हालांकि श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य ने किसी विवाद से इनकार किया है।
शिवसेना ने राष्ट्रपति को भेजा आमंत्रण
ठाकरे की शिवसेना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर 22 जनवरी को नासिक में पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया है। दरअसल शिवसेना (यूबीटी) ने 22 जनवरी को नासिक के कालाराम मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस दौरान महापूजन और महाआरती की जाएगी। पत्र में लिखा गया है कि भगवान राम का जन्म क्षेत्र अयोध्या है, लेकिन नासिक-पंचवटी दंडकारण्य उनका कर्म क्षेत्र है। वनवास के दौरान उनके यहां के आदिवासियों और वनवासियों से आत्मीय संबंध रहे हैं। भगवान राम की लीलाओं के प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं। उन्हीं प्रमाणों में नासिक का कालाराम मंदिर भी है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिवसेना ने नासिक के कार्यक्रम में राष्ट्रपति को आमंत्रण भेजा है।