Site icon hindi.revoi.in

महाराष्ट्र संकट के दौरान उद्धव ठाकरे ने फडणवीस से की थी डील की कोशिश, पीएम मोदी व अमित शाह से भी निराशा हाथ लगी

Social Share

नई दिल्ली, 17 जुलाई। महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की खुलेआम बगावत से पहले ही आशंकित खतरे को भांप लिया था और इससे निबटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात भी की थी।

देश की प्रमुख साप्ताहिक पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार उद्धव ठाकरे फडणवीस के साथ डील करना चाहते थे। हालांकि फडणवीस ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और उद्धव की सरकार और पार्टी बचाने की कोशिश असफल हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार बगावत का अंदेशा होते ही उद्धव ने सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस से संपर्क साधा। दोनों के बीच फोन पर लंबी बातचीत भी हुई, लेकिन फडणवीस ने मामले से सीधे पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से भी संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन वहां से भी निराशा ही हाथ लगी।

एमएलसी चुनाव के बाद ही हो गया था आसन्न संकट का एहसास

दरअसल, महाराष्ट्र में बीते माह हुए एमएलसी चुनाव में शिवसेना के कुछ विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी। इसके बाद शिवसेना की तरफ से विधायकों को बैठक के लिए बुलाया गया। लेकिन ठाकरे की इस बैठक में एकनाथ शिंदे और उनके कुछ समर्थक नहीं पहुंचे। यहीं से ठाकरे को आसन्न संकट का एहसास हो गया था। इसके बाद उन्होंने भाजपा नेताओं से संपर्क साधते हुए डील करने की कोशिश की कि एकनाथ शिंदे को तरजीह न दी जाए। लेकिन फडणवीस और दिल्ली, दोनों जगह से उद्धव को बेरुखी ही मिली।

भाजपा के समर्थन से सीएम बने एकनाथ शिंदे

अंततः वही हुआ, जिसकी आशंका थी और उद्धव ठाकरे आसन्न संकट का एहसास करने के बावजूद उससे बचाव का तरीका नहीं खोज सके। शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को अपने साथ लेकर बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे अब भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं जबकि जिन देवेंद्र फडणवीस से उद्धव ने मदद की आस लगाई थी, वह अब शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं। दिलचस्प तो यह है कि राज्य सरकार पर कब्जा जमा चुके शिंदे की नजरें अब शिवसेना पर नियंत्रण करने की ओर लग गई हैं।

Exit mobile version